इश्क़

अमर 'अरमान' (अंक: 246, फरवरी प्रथम, 2024 में प्रकाशित)

 

इश्क़ इबादत, इश्क़ बन्दगी। 
इश्क़ में कर दूँ, फ़ना ज़िन्दगी। 
 
इश्क़ ताज है, इश्क़ नाज़ है। 
इश्क़ था कल भी, इश्क़ आज है। 
 
इश्क़ इत्र है, इश्क़ मित्र है। 
इश्क़ मनुज के मन का चित्र है। 
 
इश्क़ सृष्टि है, इश्क़ वृष्टि है। 
इश्क़ ख़ुदा की पाक दृष्टि है। 
 
इश्क़ कर्म है, इश्क़ धर्म है। 
इश्क़ ही जीवन का मर्म है। 
 
इश्क़ है आशा, इश्क़ दिलासा। 
इश्क़ ख़ुदा के मन की भाषा। 
 
इश्क़ साज़ है, इश्क़ राज़ है। 
इश्क़ ख़ुदा के मन का राग है। 
 
इश्क़ चाह है, इश्क़ राह है। 
इश्क़ सभी राहों की राह है। 
 
इश्क़ है मंदर, इश्क़ समंदर। 
इश्क़ बना दे रब को कलंदर। 
 
इश्क़ पीर है, इश्क़ नीर है। 
इश्क़ सभी वीरों में वीर है।
  
इश्क़ ख़ुदा है, इश्क़ ख़ुदाई। 
न मिले इश्क़ में कभी जुदाई। 

0 टिप्पणियाँ

कृपया टिप्पणी दें