हिंदी (सुनील ’शाश्वत’)
सुनिल यादव 'शाश्वत’हिंदी हिन्द की रानी,
सबसे न्यारी,सबसे प्यारी,
कफन गबन गोदान सहित,
प्रेमचंद ने लिखी कहानी।
झोल नाम की चीज़ नही,
सुंदर शब्दों की क्यारी,
साखी सबद और रमैनी,
कबीरदास की बीजक वाणी।
संस्कृत की बेटी ठहरी,
संस्कृति की लाज बचाती,
शेरों-शायरी नज़्में ग़ज़ल,
मिर्ज़ा ग़ालिब की उर्दू सुहानी।
पंत दुष्यन्त दिनकर और निराला,
रत्नजड़ित साहित्य सृजित जयमाला,
कामायनी रची जयशंकर जी ने,
बच्चन की मधुशाला।
जब काल-कोठरी में अभिव्यक्ति,
अज्ञानता से जकड़ी होगी,
तब क्रांति सृजित करती,
हिंदी हिम्मत की कुंजी होगी।