हर सू हर शै में हमको वो दिखते हैं
दिलबाग विर्कहर सू हर शै में हमको वो दिखते हैं
जब भी दिल जुड़ते, नैन मिला करते हैं।
इश्क़ किया जाता कैसे, सुन लो यारो
कुछ तो कहते परवाने जब जलते हैं।
किसमें दम इतना कौन मुक़ाबिल तेरे
चाँद - सितारे तेरा पानी भरते हैं।
पीने वाले बदनाम हुए हैं नाहक़
वो आँखों में मैख़ाने लिए फिरते हैं।
यूँ लगता है तेरे गेसू हों जैसे
जब पगलाने वाले बादल घिरते हैं।
दर्द बँटा लेते हैं जब हम औरों का
जीवन में विर्क ख़ुशी के गुल खिलते हैं।