एकान्त चाहिये
सुधेशएकान्त चाहिये मुझे
अकेलापन नहीं
क्योंकि एकान्त है मन की एकाग्रता
और मन का उचटना
सब से कटना है अकेलापन।
एकान्त रचता है
पर अकेला चना भाड़ नहीं भूँजता।
एकान्त चाहिये मुझे
अकेलापन नहीं
क्योंकि एकान्त है मन की एकाग्रता
और मन का उचटना
सब से कटना है अकेलापन।
एकान्त रचता है
पर अकेला चना भाड़ नहीं भूँजता।