
सुधेश
जन्म : ६ जून, १९३३; जगाधरी, ज़िला अम्बाला (हरियाणा)
शिक्षा : बचपन जगाधरी, देवबन्द में बीता। शिक्षा देवबन्द, मुज़फ़्फ़रनगर, देहरादून में पाई। एम ए हिन्दी में (नागपुर विवि)| पीएच. डी. आगरा विवि से।
अध्यापन : उ.प्र. के तीन कॉलेजों में अध्यापन के बाद दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विवि में २३ वर्षों तक अध्यापन। प्रोफेसर पद से सेवानिवृत्त।
प्रकाशन :
काव्य कृतियाँ
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फिर सुबह होगी ही (राज पब्लिशिंग हाउस, पुराना सीलमपुर, दिल्ली) १९८३
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घटनाहीनता के विरुद्ध (साहित्य संगम, विद्याविहार, पीतमपुरा, दिल्ली) १९८८,
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तेज़ धूप (साहित्य संगम, दिल्ली) सन १९९३
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जिये गये शब्द (अनुभव प्रकाशन, साहिबाबाद, ग़ाज़ियाबाद) सन १९९९
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गीतायन (गीत और ग़ज़लें) कवि सभा, विश्वास नगर, शाहदरा, दिल्ली - २००१
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बरगद (खण्डकाव्य) प्रखर प्रकाशन, नवीनशाहदरा, दिल्ली - २००१
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निर्वासन (खण्ड काव्य) साहित्य संगम, पीतमपुरा, दिल्ली - सन २००५
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जलती शाम (काव्यसंग्रह) अनुभव प्रकाशन, साहिबाबाद़, ग़ाज़ियाबाद-२००७
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सप्तपदी, खण्ड ७ (दोहा संग्रह) अयन प्रकाशन, महरौली, दिल्ली सन २००७
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हादसों के समुन्दर (ग़ज़ल-संग्रह) पराग बुक्स, ग़ाज़ियाबाद - सन २०१०
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तपती चाँदनी (काव्यसंग्रह) अनुभव प्रकाशन, साहिबाबाद - २०१३
आलोचनात्मक पुस्तकें
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आधुनिक हिन्दी और उर्दू कविता की प्रवृत्तियाँ, राज पब्लिशिंग हाउस, पुराना सीलम पुर दिल्ली सन १९७४
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साहित्य के विविध आयाम -शारदा प्रकाशन,दिल्ली १९८३
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कविता का सृजन और मूल्यांकन - साहित्य संगम, पीतमपुरा, दिल्ली १९९३
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साहित्य चिन्तन - साहित्य संगम, दिल्ली १९९५
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सहज कविता, स्वरूप और सम्भावनाएँ - साहित्य संगम, दिल्ली १९९६
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भाषा, साहित्य और संस्कृति - सार्थक प्रकाशन, दिल्ली २००३
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राष्ट्रीय एकता के सोपान - इण्डियन पब्लिशर्स, कमला नगर, दिल्ली २००४
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सहज कविता की भूमिका - अनुभव प्रकाशन, गाज़ियाबाद २००८
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चिन्तन अनुचिन्तन - यश पब्लिकेशन्स, दिल्ली २०१२
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हिन्दी की दशा और दिशा -जनवाणी प्रकाशन, दिल्ली २०१३
विविध प्रकाशन : तीन यात्रा वृत्तान्त, दो संस्मरण संग्रह, एक उपन्यास, एक व्यंग्यसंग्रह, एक आत्मकथा प्रकाशित।
पुरस्कार/सम्मान :
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मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी का भारतीय कविता पुरस्कार २००६
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भारत सरकार के सूचना प्रसारण मंत्रालय का भारतेन्दु हरिश्चन्द्र पुरस्कार २०००
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लखनऊ के राष्ट्रधर्म प्रकाशन का राष्ट्रधर्म गौरव सम्मान २००४
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आगरा की नागरी प्रचारिणी सभा द्वारा सार्वजनिक अभिनन्दन २००४
संप्रति : दिल्ली में सन १९७५ से। अत: दिल्ली वासी। अब स्वतन्त्र लेखन।
यात्राएँ : तीन बार विदेश यात्राएँ।