बूँदों की सरगम बजे
श्याम सुन्दर श्रीवास्तव 'कोमल'प्रिय! सावन है आ गया, ले ख़ुशियाँ उपहार।
डालों पर झूले पड़े, रिमझिम गिरे फुहार।
सावन की शुभ तीज पर, गाएँ मंगल गीत।
बूँदों की सरगम बजे, पायल का संगीत।
झूला झूलें झूम कर, भर के नई उमंग।
पुरवाई है डोलती, प्रियतम का शुभ संग।
रचा मेहँदी हाथ में, कर अभिनव शृंगार।
करती प्रभु से प्रार्थना, सुख वैभव विस्तार।
सुखद स्वस्थ जीवन रहे, प्रिय की उम्र हज़ार।
ख़ुशियाँ नाचें झूमकर, सुखी रहे परिवार।