बज़्म में गीत गाता हुआ कौन है
गंगाधर शर्मा 'हिन्दुस्तान'बज़्म में गीत गाता हुआ कौन है
लूटता यूँ दिलों को भला कौन है
कह रहे हैं परम-आत्मा कौन है
देखना भाइयो जा-ब-जा कौन है
जा-ब-जा=जगह-जगह
सोचिये आसमां को क़रीबे उफ़क
इस ज़मीं की तरफ़ खींचता कौन है
उफ़क=क्षितिज
देखना सिर्फ़ है सर उठे हैं कई
ज़ुल्म की बन्दिशें तोड़ता कौन है
राज-रावण में सच बात पर लात है
खींच लीजे ज़ुबां, बोलता कौन है
उर्वरा हो ज़मीं उसपे बादल घना
बीज है फूटता, रोकता कौन है
खानदानी है जो उँचे कुल से जुड़ा
मुफ़लिसी में है वो, मानता कौन है
मुफ़लिसी=निर्धनता
हुक्मरानों बिना दहशती में भला
तालिबे इल्म को ठेलता कौन है
तालिबे इल्म=विद्या का जिज्ञासु
क़त्ल के बाद मुर्दा फक़त लाश है
नाम दे के दलित बेचता कौन है
जो खिलौने मिले तो उछलता हुआ
फूल सा मुस्कुराता हुआ कौन है
देखिये ये सियासत की जादूगरी
कर रहा कौन है, झेलता कौन है
गोर में सो रहा हूँ बड़ा फ़ैल कर
हूँ मैं वाहिद यहाँ, दूसरा कौन है
वाहिद=एक, अकेला, अनूठा; गोर=क़ब्र
देख हिन्दोस्तान आप ही से कहे
है सभी तो मेरे अलहदा कौन है