बंदिश
अमिताजब भी उसको रोकना चाहा
रिश्ते का इक नाम दे दिया
कुछ तो लोग कहेंगे
इस ढाँचे में क़ैद कर दिया
बंदिश, पीड़ा, उत्पीड़न को
उनके हाथों हाथ दे दिया
कहते हैं नारी सशक्त है
अपने घर का नाम छोड़
बाक़ी सबका नाम गिन दिया
जब भी उसको रोकना चाहा
रिश्ते का इक नाम दे दिया
कुछ तो लोग कहेंगे
इस ढाँचे में क़ैद कर दिया
बंदिश, पीड़ा, उत्पीड़न को
उनके हाथों हाथ दे दिया
कहते हैं नारी सशक्त है
अपने घर का नाम छोड़
बाक़ी सबका नाम गिन दिया