अद्भुत दुनिया अनोखा जीवन
गौरीअद्भुत है दुनिया सारी!
अपरिमित है समस्याएँ और
समाधान भी असंख्य,
ढूँढ रहा हर मानव
अवसर की एक बारी,
न जाने कितनों ने ही
जीवन की जंग है हारी,
किसको कौन बदले
यहाँ हर कोई है शिकारी,
अद्भुत है दुनिया सारी॥
ये दौर है सफलता का
जो कामयाब है उसकी हस्ती है,
असफलता के लिए तो
जान भी कितनी सस्ती है,
अब नहीं है वो उसूल
जो सीखे थे कभी संस्कारों से,
उसके नामों निशां
रह गए हैं अब किताबों में,
संसार के सिद्धांतों से मैं कब हारी,
अद्भुत है दुनिया सारी॥
रहस्यमय जीवन में
संभावनाओं की कमी नहीं है,
मनुष्य के हृदय में
भावनाओं की कमी नहीं है,
बहना है नदी की –
धारा के जैसे मुझे भी,
जीतकर इतिहास रच देने की है बारी,
अद्भुत है ये दुनिया सारी॥
मन में दबी हुई
इच्छाओं का आंदोलन है,
समझौतों के स्तंभों पर ही
ये जीवन है,
सांसारिक बंधनों में क्यों
चिंता भी निश्चिंत है,
थोड़ा चलकर, थोड़ा रुककर,
थोड़ा थककर भी
प्रयास है जारी,
अद्भुत है दुनिया सारी॥