भूल जाओ
सुधेशमुझे भूल जाओ
जैसे भूले मेरी कविताएँ
मेरे लेख मेरी पुस्तकें
मेरा पता भी
भूल जाओ मुझे
जैसे समय सब कुछ भुला देता है
सब कुछ इतिहास हो जाता है
सब इतिहास मलबा है
जिसे कभी सदियों बाद
खोदते हैं पुरातत्ववेत्ता।
मुझे भूल जाओ
जैसे भूले मेरी कविताएँ
मेरे लेख मेरी पुस्तकें
मेरा पता भी
भूल जाओ मुझे
जैसे समय सब कुछ भुला देता है
सब कुछ इतिहास हो जाता है
सब इतिहास मलबा है
जिसे कभी सदियों बाद
खोदते हैं पुरातत्ववेत्ता।