भगवान अटलानी

भगवान अटलानी

भगवान अटलानी

जयपुर, राजस्थान
जन्म: लड़काना (सिंध, पाकिस्तान)
शिक्षा: बी.एससी.
सम्प्रति: वर्तमान में स्वतंत्र लेखन एवं पत्रकारिता। पूर्व अधिकारी, भारतीय स्टेट बैंक

 

प्रकाशन व लेखन:

हिन्दी में 13, सिन्धी में 10, अनुवाद 11 कुल 34 पुस्तकें। इनमें से 8 उपन्यास, 11 कहानी संग्रह, 4 नाटक, 4 एकांकी संग्रह, 3 निबन्ध संग्रह, नवसाक्षरों के लिए एक कहानी पुस्तिका, दो शोध आलेखों के संग्रह और एक प्रतिनिधि रचनाओं का संकलन। 1400 से अधिक रचनाएँ विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित। 300 से अधिक कार्यक्रम आकाशवाणी/दूरदर्शन से प्रसारित। अनेक नाटक मंचित। 29 से अधिक संकलनों में रचनायें सम्मिलित। राजस्थान सरकार द्वारा अधिस्वीकृति पत्रकार। राजस्थान पत्रिका, जयपुर में नाट्य समीक्षा का दो वर्षों तक स्तम्भ लेखन। सिन्धी साप्ताहिक महराण, उल्हासनगर के पूर्व स्तम्भकार। पाक्षिक पत्र ग़रीबों का सेतु के पूर्व सलाहकार।

हिन्दी द्विमासिक पत्र सेतु के संस्थापक सम्पादक, सिन्धी वार्षिक पत्रिका रिहाण व त्रैमासिक पत्रिका सिन्धुदूत के छह/तीन वर्षों तक सम्पादक/प्रधान सम्पादक।

 

सम्मान व पुरस्कार:

भाषा विभाग हरियाणा से पाँच बार, राजस्थान सिन्धी अकादमी से छह बार, मुक्ता, आशीर्वाद, इन्द्रधनुष, केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय, स्टेट बैंक ऑफ़ बीकानेर एण्ड जयपुर तथा यूनिवर्सल सावक, आदि की ओर से एक-एक बार कहानियाँ, एकांकी, नाटक, उपन्यास पुरस्कृत। कुल 35 पुरस्कार प्राप्त। राजस्थान अकादमी की ओर से 1995-96 में सर्वोच्च सम्मान मीरा पुरस्कार तथा राजस्थान सिंन्धी अकादमी की ओर से 2003-2004 में सर्वोच्च सम्मान सामी पुरस्कार से सम्मानित। उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान, लखनऊ द्वारा एक लाख एक हज़ार रुपये का सौहार्द सम्मान 2005 और आकाशवाणी वार्षिक पुरस्कार प्रतियोगिता 2006 में फ़ीचर लेखन के लिए मेरिट अवार्ड प्राप्त। राष्ट्रीय सिन्धी भाषा विकास परिषद, नई दिल्ली द्वारा पाँच लाख रुपये का साहित्यकार सम्मान पुरस्कार 2017-18 में प्राप्त।

 

संस्थान सदस्यता व संबद्धता:

राजस्थान सिन्धी अकादमी की साधारण सभा के नौ वर्ष और कार्यकारिणी के तीन वर्ष सदस्य। राजस्थान सिंधी अकादमी के अध्यक्ष (1997-2000)। अनेक बार केन्द्रीय साहित्य अकादमी द्वारा देय सिन्धी के अकादमी पुरस्कार के लिए जूरी की सदस्यता। भारत सरकार द्वारा स्थापित राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद के सदस्य (1997-2001 तथा 2014-2017)। ज्ञानपीठ पुरस्कार की सिन्धी सलाहकार समिति के चार वर्षों तक सदस्य रहने क बाद संयोजक (2002-2006)। वात्सल्य पुरस्कार की सिन्धी सलाहकार समिति के संयोजक (2007 से अद्यतन) । केन्द्रीय साहित्य अकादमी के सिन्धी सलाहकार बोर्ड के सदस्य (2003-2017)। राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद, नई दिल्ली के सदस्य (2014-2017)

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