संध्या.. काली.. रात..
डॉ. नितिन पाटील(कविता संग्रह - गोधड़ - 2006)
(मराठी आदिवासी कवि वाहरु सोनवणे की कविता का अनुवाद)
अनुवाद: नितिन पाटील
संध्या.. काली.. रात..
गोद में बच्चा ... रि... रि
करता
एक परछाई चक्की घूमाती
आटा आँसुओं का
पीसकर पूरा होता रहा...