नयन बावरे गए आज भर
दीपा जोशीनयन बावरे गए आज भर
पल में छलकी
गागर गहरी
पल में बेसुध
भए सजल
नयन बावरे गए आज भर
कभी सकुचे
पलकों के लघु तन
कभी ताके
असीम गगन
नयन बावरे गए आज भर
तड़ित घन के
प्रज्ज्वलित अंग सा
सिहर उठे
व्याकुल तन
नयन बावरे गए आज भर
कामनाओं के
कम्पन से
डोल रहा
एकाकी मन
नयन बावरे गए आज भर
पिया पिया के
मुखरित स्वर से
चहुँ दिशाएँ
गूँजे एक संग