जैसा बोएँ वैसा प्यारे पाएँगे

15-07-2007

जैसा बोएँ वैसा प्यारे पाएँगे

नीरज गोस्वामी

जैसा  बोएँ  वैसा  प्यारे  पाएँगे
सोचा जिसने धोखा सारे खाएँगे

 

दिल की बातें मत ज़ुबाँ पे लाइए
आप क्या दुनिया से न्यारे जाएँगे

 

तू नहीं  सुनता ये  है तेरी रज़ा
हम तुझे  लेकिन  पुकारे जाएँगे

 

बर्फ़ हूँ ये सोच कर ना छेड़िये
आप अब भी कुछ शरारे पाएँगे

 

चाहता  तू चाँदनी  हरदम  रहे
फिर कहाँ बतला सितारे जाएँगे

 

वो असर होगा कि देखेगा जहाँ
प्यार  के जब गीत सारे गाएँगे

 

बीच में  हो और पानी तेज़ हो
हौसला  रखना  किनारे आएँगे

 

देख  बैसाखी पे जो नीरज खड़े
कह  रहे   देने  सहारे  आएँगे

0 टिप्पणियाँ

कृपया टिप्पणी दें

लेखक की अन्य कृतियाँ

ग़ज़ल
विडियो
ऑडियो

विशेषांक में