चल भूख प्यास की भी कहानी लिख दे
डॉ. गोरख प्रसाद ’मस्ताना’चल भूख प्यास की भी कहानी लिख दे
सूखे अधर पे, दाना पानी लिख दे
मैं जानता, दीनों को महल दे नहीं सकते
मालिक! उन्हें एक अदद पलानी लिख दे
जो तरस रहे मुठ्ठी भर धूप के लिए
उनके लिए एक सुबह, सुहानी लिख दे
हैं धृतराष्ट्र बनके, सत्ता में जो बैठे
उनको महाभारत की कहानी लिख दे
कुछ लोग रोशनी को दाब, घर में हैं बैठे
उनके विरुद्ध, युद्ध तूफ़ानी लिख दे
अन्याय जोर ज़ुल्म के ख़िलाफ़ जो खड़े
साहस में उनके नई जवानी लिख दे