
डॉ. एम. वेंकटेश्वर
हैदराबाद
व्यवसाय : सेवा निवृत्त, हिंदी प्रोफेसर (उस्मानिया विश्वविद्यालय/अंग्रेजी एवं विदेशी भाषा विश्वविद्यालय, हैदराबाद)
मातृभाषा : तेलुगु
हिंदी में प्रकाशित साहित्य :
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हिंदी उपन्यासों का मनोवैज्ञानिक अध्ययन
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हिंदी उपन्यासों में मनोविकृत पात्र
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हिंदी के समकालीन महिला उपन्यासकार
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आठवें दशक के हिंदी उपन्यास
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प्रयोजनमूलक हिंदी विविध आयाम
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जीवन वृन्दावन (अनुवाद)
संपादन :
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संकल्य "बच्चन विशेषांक"
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समुच्चय – अंक 1 और 2
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भास्वर भारत (मासिक) (संयुक्त संपादन)
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"प्लेम" बुल्गारियान साहित्य पत्रिका (सं)
पुरस्कार एवं सम्मान :
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सौहार्द्र सम्मान : उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान 2002
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बेस्ट टीचर एवार्ड : आंध्र प्रदेश सरकार 2004
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बिहार राष्ट्र भाषा पुरस्कार : पटना 2009
हिंदी प्रचार/सेवा :
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विगत 40 वर्षों से हिंदी भाषा और साहित्य का अध्ययन/अध्यापन/शोध कार्य में निमग्न
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हिंदी भाषा और साहित्य का प्रचार और प्रसार (स्वच्छंद संस्थाओं में, ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों और कालेजों में व्याख्यानों, कार्यशालाओं तथा संगोष्ठियों के माध्यम से भारतीय भाषाओं के परिप्रेक्ष्य में)
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100 से अधिक शोध लेख प्रकाशित / आज भी लेखन कार्य जारी। (राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में)
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40 शोध छात्रों का पीएच और एम फिल उपाधियों के लिए शोध निर्देशन।
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तीन वर्षों (1996–1999) तक यूरोप के विभिन्न विश्वविद्यालयों में अध्यापन तथा हिंदी तथा भारतीय भाषाओं, संस्कृति का अध्यापन, प्रचार, प्रसार
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बुल्गारिया, पोलेंड, ग्रीस, आस्ट्रिया और जर्मनी के विश्वविद्यालयों में व्याख्यान और भारतीय संस्कृति का प्रचार–प्रसार
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4 अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठियों तथा अनेकों राष्ट्रीय संगोष्ठियों में प्रतिभागिता।
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हिंदी पत्रकारिता से सक्रिय भागीदारी।
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वर्तमान में "भास्वर भारत" मासिक पत्रिका केसंयुक्त संपादक के रूप में स्वैच्छिक सेवा में निरत।
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आंध्र प्रदेश के सुदूर (अहिंदी भाषी) ग्रामीण प्रान्तों में कार्यरत हिंदी अध्यापकों के लिए भाषा शिक्षण संबंधी शिविर, कार्यशालाओं तथा पुनश्चर्या कार्यक्रमों का स्वैच्छिक (सेवा भाव से) आयोजन और मार्गदर्शन के साथ साथ हिंदी भाषा का प्रचार–प्रसार के कार्य में निरंतर मग्न।
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देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में अतिथि आचार्य के रूप में अस्थाई तौर पर अध्यापन और शोध निर्देशन। (हैदराबाद विवि, काकतीय विवि, वर्धा विवि, कर्नाटक विवि, दक्षिण भारत हिन्दी प्रचार सभा – मद्रास, हैदराबाद, कोचीन धारवाड़; अरुणाचल प्रदेश – राजीव गांधी विवि आदि)
संप्रति : स्वतंत्र लेखन। हिन्दी, अंग्रेज़ी एवं तेलुगु साहित्य संबंधी आलोचनात्मक लेख, भारतीय एवं हॉलीवुड सिनेमा में विशेष रुचि। फिल्म समीक्षा लेखन। हिंदी अंग्रेजी और तेलुगु कथा साहित्य का आकलन।
विशेष अभिरुचियाँ : फोटोग्राफी, यात्रा, अध्ययन(पठन), साहित्यिक-शोध अध्यापन, ड्राइविंग, पत्र-व्यवहार, सिनेमा, संगीत (पाश्चात्य एवं भारतीय), सांस्कृतिक संयोजन आदि।
लेखक की कृतियाँ
- शोध निबन्ध
- पुस्तक समीक्षा
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- अबलाओं का इन्साफ़ - स्फुरना देवी
- चूड़ी बाज़ार में लड़की
- थर्ड जेंडर : हिंदी कहानियाँ
- दर्द जो सहा मैंने
- नवजागरण के परिप्रेक्ष्य में रवीन्द्रनाथ ठाकुर का कालजयी उपन्यास "गोरा"
- नहर में बहती लाशें
- पुरुष तन में फंसा मेरा नारी मन : मानोबी बंद्योपाध्याय
- प्रेमचंद की कहानियों का कालक्रमानुसार अध्ययन
- फरिश्ते निकले - नारी शोषण का वीभत्स आख्यान
- फाइटर की डायरी : मैत्रेयी पुष्पा
- शव काटने वाला आदमी
- साक्षी है पीपल
- स्त्री जीवन के भोगे हुए यथार्थ की कहानी : 'नदी'
- साहित्यिक आलेख
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- अज्ञेय कृत "शेखर - एक जीवनी" का पुनर्पाठ
- कृष्णा सोबती हशमत के जामे में
- छायावाद के सौ वर्ष
- निराला की साहित्य साधना और डॉ. रामविलास शर्मा
- पुरुष के जीवन में स्त्री की पात्रता
- प्रवासी कथा साहित्य में स्त्री जीवन की अंतर कथा
- प्रवासी कथा साहित्य में स्त्री जीवन की अंतर कथा
- भारतीय साहित्य में अनुवाद की भूमिका
- भारतीय सिनेमा को तेलुगु फिल्मों का प्रदेय
- मुक्तिबोध की काव्य चेतना
- मुड़-मुड़के देखता हूँ... ... और राजेन्द्र यादव
- विश्व के महान कहानीकार : अंतोन चेखव
- वैश्वीकरण के परिदृश्य में अनुवाद की भूमिका
- सामयिक चुनौतियों के संदर्भ में नई सदी के हिंदी उपन्यास
- स्वप्न और आत्म संघर्ष की आत्माभिव्यक्ति : "अँधेरे में"
- हिंदी कथा-साहित्य में किन्नर स्वर
- सिनेमा और साहित्य
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- अंतर्राष्ट्रीय रंगमंच और सिनेमा के चहेते कलाकार सईद जाफ़री की स्मृति में
- अपराजेय कथाशिल्पी शरतचंद्र और देवदास
- अमेरिकी माफ़िया और अंडरवर्ल्ड पर आधारित उपन्यास: गॉड फ़ादर (The Godfather)
- इंग्लैंड के महान उपन्यासकार चार्ल्स डिकेंस की अमर कृति "ग्रेट एक्सपेक्टेशन्स"
- एमिली ब्राँटे का कालजयी उपन्यास : वुदरिंग हाइट्स
- ऑस्कर वाईल्ड कृत महान औपन्यासिक कृति : पिक्चर ऑफ़ डोरिएन ग्रे
- खेतिहर समुदायों के विस्थापन की त्रासदी : जॉन स्टाईनबैक की अमर कृति "ग्रेप्स ऑफ़ राथ"
- गॉन विथ द विद - एक कालजयी उपन्यास और सिनेमा
- चीन के कृषक जीवन की त्रासदी
- टॉलस्टाय की 'अन्ना केरेनिना' : कालजयी उपन्यास और अमर फिल्म
- डी एच लॉरेंस की विश्वविख्यात औपन्यासिक कृति : लेडी चैटरलीज़ लवर
- तेलुगु की सर्वकालिक लोकप्रिय पौराणिक फ़िल्म ‘मायाबजार‘
- दासप्रथा का प्रथम क्रांतिकारी विद्रोही - ‘स्पार्टाकस’
- द्वितीय महायुद्ध में नस्लवादी हिंसा का दस्तावेज़ : शिन्ड्लर्स लिस्ट
- फ्रांसीसी राज्य क्रान्ति और यूरोपीय नवजागरण की अंतरकथा : ए टेल ऑफ़ टू सिटीज़
- बेन-हर (BEN-HUR) - रोम का साम्राज्यवाद और सूली पर ईसा मसीह का करुण अंत
- बोरिस पास्टरनाक की अमर कृति 'डॉ. ज़िवागो'
- भारतीय सिनेमा और रवीन्द्रनाथ टैगोर
- भारतीय सिनेमा में 'समांतर' और 'नई लहर (न्यू वेव)' सिनेमा का स्वरूप
- भूमंडलीकरण और हिन्दी सिनेमा
- युद्धबंदी सैनिकों के स्वाभिमान और राष्ट्रप्रेम की अनूठी कहानी : "द ब्रिज ऑन द रिवर क्वाई"
- विश्व कथा साहित्य की अनमोल धरोहर "ले मिज़रेबल्स"
- विश्व की महान औपन्यासिक कृति ‘वार एंड पीस‘ (युद्ध और शांति)
- शॉर्लट ब्रांटे की अमर कथाकृति : जेन एयर
- स्त्री जीवन की त्रासदी "टेस - ऑफ द ड्यूबरविल"
- फ़्योदोर दोस्तोयेव्स्की की अमर औपन्यासिक कृति "द ब्रदर्स कारामाज़ोव"
- यात्रा-संस्मरण
- अनूदित कहानी
- सामाजिक आलेख
- विडियो
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- ऑडियो
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