डॉ. इन्दु गुप्ता
फरीदाबाद (हरियाणा)
जन्मतिथिः 24 अगस्त
शैक्षणिक योग्यताः एम. एससी. (रसायन विज्ञान), एम.एड., पी.जी.डी.एच.ई., डिप्लोमा इन उर्दू, एम.ए. मानवाधिकार, एम. ए. हिन्दी, पीएच. डी.,
कार्यानुभवः खण्ड शिक्षा अधिकारी, फरीदाबाद, (HES II), सेवानिवृत्त, पूर्व प्राचार्या (HES II) रा. व. मा. विद्यालय, फरीदाबाद, पूर्व-प्रवक्ता रसायन विज्ञान
पुरस्कार:
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प्रदेश की क़लमकार होने का गौरव प्राप्त है, जिसकी तीन भाषाओं की पुस्तकों यानी हिन्दी कीः कथा-संग्रह ‘तुम सुन रहे हो न हरसिंगा‘ 2015 राज्य-स्तरीय प्रथम पुरस्कार 21000 रुपए प्रशस्ति पत्र एवं स्मृति चिह्न द्वारा, पंजाबी की ‘मुड़ परते दरिया‘ (काव्य-संग्रह 2010 में) तथा महक मिट्टी दी‘ (कहानी-संग्रह, 2017 में हरियाणा पंजाबी साहित्य अकादमी, पंचकूला द्वारा 31000 रुपए प्रशस्ति पत्र एवं स्मृति-चिह्न, तथा उर्दू में “धूप के रुपहले टुकड़े” 2012 (उर्दू अफ़सानों का मजमूआ) तथा कथा-संग्रहः “सुनहरा कफ़स” (उर्दू अफ़सानों का मजमूआ)॥2015 हरियाणा उर्दू अकादमी, पंचकूला द्वारा 21000/-रुपए प्रशस्ति-पत्र स्मृति-चिह्न, द्वारा राज्य-स्तरीय श्रेष्ठ कृति माननीय राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री द्वारा प्रथम पुरस्कृत।
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हरियाणा साहित्य अकादमी और हरियाणा पंजाबी साहित्य अकादमी पंचकूला से साहित्य समर्था; जयपुर से नारी अस्मिता; बड़ौदा से भरतपुर डीग; कथा समवेत, सुल्तानपुर से कहानियाँ पुरस्कृत। देश की विभिन्न राष्ट्रीय, राज्यीय तथा अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा 108 से अधिक बार कहानियाँ, पुस्तकें, कृतित्व एवं व्यक्तित्व सम्मानित एवं पुरस्कृत।
सम्मान:
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22 अगस्त 2019 को हरियाणा उर्दू अकादमी पंचकूला द्वारा उर्दू भाषा में उत्कृष्ट काम के लिए माननीय महामहिम राज्यपाल हरियाणा द्वारा प्रतिष्ठित नौ-आमोज़ सम्मान में भव्य स्मृति चिह्न, प्रशस्ति पत्र, अंग वस्त्र तथा 51000/ की राशि द्वारा सम्मानित।
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2019 में पंजाबी भाषा में समग्र अवदान हेतु कवि हरभजन सिंह रैणू प्रतिष्ठित सम्मान से सम्मानित।
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‘आप या मैं’ प्रथम-पुरस्कृत कहानी का नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा द्वारा नाट्य मंचन। रेडियो शिलांग और रोहतक तथा हिसार से दूरदर्शन पर प्रस्तुतियाँ।
प्रकाशित कार्यः
हाइकु संग्रह: ‘शबनम उदास है . . .’ सेदोका-संग्रह: ‘आम्र-बौरों की गंध’. ताँका-संग्रह: सरि किनारे।
हिन्दी लघुकथा संग्रह: ‘भविष्य से साक्षात्कार’, ‘परिवर्तन‘। पंजाबी लघुकथा-संग्रह: ‘सुनहरे फ्रेम’, ‘परछावें’।
हिन्दी कथा-संग्रह: ‘मैं क्या कहूँ . . .’, ‘स्वागत जिंदगी’, ‘तुम सुन रहे हो न हरसिंगा’, ‘मुट्ठी भर मिट्टी’, ‘दण्डनायिका और अन्य कहानियाँ‘। उर्दू कहानी-संग्रह: ‘धूप के रुपहले टुकड़े’, ‘सुनहरा कफ़स’, ‘चाँदनी के अक्स’।
पंजाबी कथा-संग्रह: ‘समुन्दर तों परतदी नदी’, ‘महक मिट्टी दी’, ‘बिना नींह दे’, ‘जंगल नच्चदा है’
हिन्दी-कविता-संग्रह: ‘भोर का पैगाम’, ‘रागानुगा’, ‘अनछुई-सी धूप’, ‘प्रकृति इदम् पूर्णमद: पूर्णमिदम्’, ‘बेतरतीब प्रेम की लिपियां’, ‘मौन है वंशी स्वर गुँजाकर‘।
पंजाबी कविता-संग्रह:
पंजाबी कविता-संग्रह: ‘मुड़ परतें दरिया’ (पंजाबी साहित्य अकादमी पंचकूला द्वारा 2010 में राज्य श्रेष्ठ कृति पुरस्कार से सम्मानित), ‘गुलमोहर हस्सदे हन’।
दोहा-संग्रह: ‘दुपहर तक अब रात‘, दोहा-संकलन: ‘मन का मनका फेरते . . .।’
बाल-साहित्य: ‘बिखरे रंग’, ‘सूरज दादा की मनमानी’, ‘चिड़ियाघर’, ‘मिस रोबोट कैट’ (4 हिन्दी बाल कविता-गीत संग्रह), ‘समझदार स्पंदन’, ‘जंगल की मज़ेदार कहानियाँ’, ‘अमर्त्य बोध कथाएंँ’ (3 हिन्दी बाल कहानी-संग्रह), ‘मज़ेदार पहेलियाँ चित्रों के साथ’, ‘तमाशा’ (पंजाबी बाल कहानी संग्रह), ‘सतरंगी पींघ’ (पंजाबी बाल कविता-गीत संग्रह), ‘Jungle‘s Fun Stories’ (Stories for children in English)
पंजाबी में अनुवाद कार्य: ‘सलोनी’ (उपन्यास, डॉ. रश्मि मल्होत्रा, दिल्ली), ‘अन्ही दौड़’ (लघुकथा-संग्रह, डॉ. मधुकान्त), ‘गूगल ब्वॉय’ (उपन्यास डॉ. मधुकांत), ‘दृश्य और अदृश्य’ (काव्य-संग्रह, अमर बानियां ‘लोहोरो’ मूल नेपाली), कुसुमाँजलि (कविता-संग्रह, शीला गौरभि) श्री मुकेश गम्भीर की रूबाइयों की किताब आदि का।