अवधेश तिवारी
छिंदवाड़ा (मध्यप्रदेश)
जन्म: जनवरी, 1959 ग्राम पिपरिया रत्ती, ज़िला-छिंदवाड़ा (मध्यप्रदेश) में।
शिक्षा: स्नातकोत्तर (हिंदी साहित्य) तथा संस्कृत भाषा ‘कोविद‘
लेखन एवं प्रकाशन: पिछले 40 वर्षोंसे साहित्यका निरंतर पठन-पाठन और लेखन
प्रकाशित ग्रंथ:
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खड़ी बोली का ‘काव्यसंग्रह तिमिर के दीप’ तथा सतपुड़ा-अंचल के विलुप्तप्रायः सूक्तियाँ, कहावतें और मुहावरों के संग्रह की अभिनव प्रस्तुति पर प्रकाशित शोधपरक ग्रन्थ ‘कल्लूके दद्दा कहिन’ तथा इसी शृंखला की दूसरी कड़ी: ‘छिद्दी भैया कहिन’
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सतपुड़ा के सात वरिष्ठ कवियों की रचना के संग्रह ‘सतपुड़ा-सप्तक’ का संपादन।
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अनेक पत्र-पत्रिकाओं में लेख/कविता आदि का नियमित प्रकाशन
प्रकाशनाधीन:
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संस्कृत सूक्तियों के हिंदी/अंग्रेज़ी तथा काव्य-रूपांतर पर केंद्रित ग्रंथ ‘अक्षर-ब्रह्म’ तथा लघु कथा-संग्रह ‘सूर्यलोक में संपाती’ का प्रकाशन प्रतीक्षित।
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इसके अतिरिक्त छिंदवाड़ा ज़िले की स्थानीय बोली के शब्दकोश का प्रकाशन।
पुरस्कार और सम्मान:
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शोधपरक ग्रंथ ‘कल्लू के दद्दा कहिन’ पर राष्ट्रीय बुंदेलखंड-साहित्य-परिषद, भोपाल की ओर से मध्य प्रदेश के महामहिम राज्यपाल द्वारा सन 2018 में ‘लोक कवि ईसुरी पुरस्कार’
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आकाशवाणी, पोर्टब्लेयर (अंडमान-निकोबार द्वीप-समूह), नगर-राजभाषा-कार्यान्वयन-समिति, पोर्टब्लेयर (अंडमान-निकोबार द्वीप-समूह),
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त्रिवेणी-परिषद, जबलपुर,
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हिंदी प्रचारिणी-समिति, छिंदवाड़ा,
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रंगकर्म के लिए समर्पित संस्था ओम मंच पर अस्तित्व, छिंदवाड़ा
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FDDI, छिंदवाड़ा आदि के द्वारा हिंदी/ हिंदी-साहित्य की सेवा के लिए पुरस्कृत/सम्मानित।
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मध्य रेलवे बैतूल-मंडल द्वारा हिंदी-सेवा के लिए सम्मानित
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‘टैगोर इंटरनेशनल लिटरेचर आर्ट फ़ेस्टिवल, भोपाल’ द्वारा आयोजित ‘विश्वरंग 2022’ में कविता पाठ हेतु सम्मानित साथ ही केसरी चंदेल ‘अक्षत‘ सम्मान।
विशेष: अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में चार वर्षों तक रहकर साहित्य-सृजन का कार्य।
संप्रति: आंचलिक साहित्यकार-परिषद की छिंदवाड़ा इकाई के अध्यक्ष तथा आकाशवाणी के वरिष्ठ उद्घोषक के पद से सेवानिवृत्त।