डॉ. अमिता दुबे

डॉ.  अमिता दुबे

डॉ. अमिता दुबे

जन्मतिथि व स्थान: मार्च, 1967, लखनऊ
शिक्षा: एम.ए. (हिन्दी, अर्थशास्त्र), एलएलबी, ‘गजानन माधव मुक्तिबोध के काव्य में आक्रोश का स्वर’ विषय पर पीएच.डी. की उपाधि
प्रकाशन: ३८ पुस्तकें प्रकाशित
समालोचना: 

  1. छायावादी पथिक : महादेवी, निराला

  2. आक्रोश के कवि मुक्तिबोध

  3. अनुभूति के विविध रंग

  4. दीपक सा मन

  5. कहानीकार मुक्तिबोध

  6. अनूठे सर्जक मुक्तिबोध

  7. अभिव्यक्ति के इन्द्रधनुष,

  8. सृजन के सोपान,

  9. संवेदनशील रचनाकार : डॉ. शंभु नाथ

  10. शब्द झरने लगे (डॉ. सरोजिनी कुलश्रेष्ठ की सृजनात्मकता)

  11. शब्द-शब्द संवेग

  12. निराला का सृजन, 

  13. स्वरूप कुमारी बक्शी का सृजनलोक

  14. अविरल साहित्य सर्जक : डॉ. विद्या बिन्दु सिंह (सहलेखन)

कहानी संग्रह:

  1. पाषाणी

  2. नयन दीप

  3. सिलवटें

  4. पुनर्वास

  5. सुखमनी

  6. सीढ़ी

  7. धनुक के रंग

  8. सम्भावना के जुगनू

बाल साहित्य:

  1. समझौते की दुनिया

  2. राह मिल गयी (कहानी संग्रह)

उपन्यास:

  1. उलझन

  2. एकांतवासी शत्रुघ्न

काव्य संग्रह:

  1. ये ’काश’ ही है

  2. ऐसा मन करता है

  3. कुछ तो बचा है

  4. माँ हो जाना

समीक्षा:

  1. कविता की आहटें

  2. कविता की पदचाप

  3. कविता की अनुगूँज

  4. कविता की प्रतिध्वनि

  5. कहानी की करवटें

पुरस्कृत कृतियाँ:

  • पुनर्वास—डॉ. सरोजिनी कुलश्रेष्ठ कथाकृति सम्मान-२०१४

  • दीपक सा मन—राष्ट्रधर्म गौरव सम्मान-२०१६

  • सुखमनी—गजानन माधव मुक्तिबोध सम्मान-२०१६

  • ऐसा मन करता है—नीरज सम्मान-२०१८

  • एकांतवासी शत्रुघ्न—शिक्षाविद्‌ पृथ्वीनाथ भान साहित्य सम्मान-२०२१

  • विभिन्न साहित्यिक-सांस्कृतिक संस्थाओं द्वारा प्रदान किए गये ९० सम्मानों से सम्मानित

विशेष:

  • “डॉ. अमिता दुबे व्यक्तित्व एवं कृतित्व’ पर लखनऊ विश्वविद्याल द्वारा डॉ. परशुरामपाल के निर्देशन में सुश्री प्रियंका मिश्र को एम फिल की उपाधि प्रदान की गयी।

  • डॉ. परशुराम पाल के निर्देशन में ’लखनऊ की महिला साहित्यकार’ विषय पर सुश्री सुनीता को पीएच.डी. की उपाधि प्राप्त हुई, जिसमें एक रचनाकार के रूप में डॉ. अमिता दुबे भी सम्मिलित हैं।

  • विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ, ईशापुर (भागलपुर, बिहार) द्वारा डॉ. अमिता दुबे को उनकी सुदीर्घ हिन्दी सेवा, सारस्वत साधना, कला के क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ, शैक्षिक प्रदेयों, महनीय शोधकार्य तथा राष्ट्रीय/अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा के आधार पर विद्यावाचस्पति व विद्यासागर उपाधि प्रदान की गयी

  • डॉ. अमिता दुबे की छह कहानियों का डॉ. अंजुमन आरा द्वारा उड़िया भाषा में अनुवाद किया गया साथ ही पंजाबी, बांग्ला भाषा में भी रचनाओं का अनुवाद।

सम्प्रति: प्रधान सम्पादक, उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान