विविध उपलब्धियों से युक्त अतुल्य भारत

15-08-2022

विविध उपलब्धियों से युक्त अतुल्य भारत

मुकेश पोपली (अंक: 211, अगस्त द्वितीय, 2022 में प्रकाशित)

(आज़ादी का अमृत महोत्सव)

 

सिंधु घाटी की सभ्यता, हड़प्पा और मोहनजोदड़ो की संस्कृति, आर्यों का आगमन, गुप्त साम्राज्य यह सब भारत की नींव हैं। ऐसे में भारतीय संस्कृति और सभ्यता का जो स्वरूप बना वह दुनिया को बेमिसाल लगा। खनिजों और प्राकृतिक संपदाओं से भरपूर भारत को सोने की चिड़िया कहा जाने लगा। इन सब के बीच यहाँ मुग़ल भी पहुँचे और बरसों बाद उन्हें खदेड़कर पश्चिम की ईस्ट इंडिया कंपनी ने यहाँ अपना डेरा डाला और व्यवसाय करते-करते पूरे भारत पर अपना राज स्थापित कर लिया। उस समय भारत इनकी चाल समझ नहीं सका लेकिन उनके अत्याचारों ने पूरे भारतवासियों को संगठित होने की प्रेरणा दी। वर्षों तक पराधीन रहे भारत को स्वाधीन कराने की चाह में संपूर्ण भारत एक हो गया। न हिंदू-मुस्लिम में बैर, न सिख-मराठा में दंभ, न कोई जाति बंधन और न ही कोई ग़रीब-अमीर, सबका एक ही सपना कि देश आज़ाद हो। अपनी धरती की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले वीरों और अहिंसा आंदोलन ने अन्य ग़ुलाम देशों के लिए भी मिसाल बनने का काम किया। 15 अगस्त 1947 का वो दिन इतिहास में दर्ज हो गया और भारत आज़ाद हुआ। यद्यपि अँग्रेज़ी शासन ख़त्म तो हो गया लेकिन भारत छोड़ने से पूर्व ‘फूट डालो और राज करो’ नीति को इसने कुछ इस तरह से कार्यान्वित किया कि पाकिस्तान की माँग होने लगी और आख़िर भारत के दो टुकड़े हो गए। अनेक लोगों को अपनी जन्मभूमि और अपना बसा-बसाया घर छोड़ना पड़ा। इस विभाजन की बहुत सी कहानियाँ हमारे इतिहास के साथ-साथ अनेक साहित्यकारों ने भी लिखी और इस त्रासदी को आज भी जब याद किया जाता है, तो आँखें भर आती हैं। 

भारत गणराज्य, पौराणिक जम्बूद्वीप, दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। भारत भौगोलिक दृष्टि से विश्व का सातवाँ और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत की समुद्र रेखा 7516 किलोमीटर से भी लंबी है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान तथा पूर्व में बांग्लादेश और म्यांमार देश स्थित हैं। हिंद महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया है। उत्तर-पश्चिम में अफ़ग़ानिस्तान के साथ भारत की सीमा है। उत्तर में हिमालय पर्वत है और दक्षिण में हिंद महासागर है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है और पश्चिम में अरब सागर है। 

पचहत्तर बरसों का भारत स्वाधीन है और निरंतर प्रगति की ओर अग्रसर है। भारत गुटनिरपेक्ष आंदोलन तथा संयुक्त राष्ट्र संघ के संस्थापक सदस्य देशों में से एक है। हमारे देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया से सरकार चुनी जाती है और अट्ठारह वर्ष की आयु प्राप्त करने पर प्रत्येक व्यक्ति को चुनावी प्रक्रिया में मतदाता माना जाता है। केंद्र सरकार की तरह ही भारत के सभी राज्यों में भी राज्य सरकारें चुनी जाती हैं और यही प्रक्रिया पंचायत चुनावों में भी अपनाई जाती है। राष्ट्रीय मुद्दों और राजनीति मुद्दों पर आम आदमी का उत्साह देखते ही बनता है। चुनाव आयोग अलग-अलग स्तरों पर निष्पक्ष प्रक्रिया अपनाता है और सभी नागरिकों को बराबर का अधिकार प्रदान करता है। 

कल-कारखानों की स्थापना, हरित क्रांति, परमाणु बम परीक्षण, बैंकों का राष्ट्रीयकरण, आंतरिक उपग्रह आदि ऐसे महत्त्वपूर्ण प्रयास हैं जिन्होंने भारत की प्रतिष्ठा में चार चाँद लगा दिए। कंप्यूटर तकनीक क्षेत्र में लगातार महारत हासिल कर भारत आधुनिक और विकसित राष्ट्र बनने की होड़ में सबसे आगे है। वैश्विक आर्थिक मंदी के बावजूद भारत की स्थिति काफ़ी मज़बूत है और विदेशी मुद्रा भंडार भी पर्याप्त है। अन्य देशों की तुलना में हमारे देश के उद्योग-धंधे दिन दूनी रात चौगुनी गति से प्रगति की ओर अग्रसर हैं। सेवा हो या उद्योग क्षेत्र, दोनों ही पिछले कुछ वर्षों से भारत की आर्थिक स्थिति को मज़बूत बनाने में अपना योगदान कर रहे हैं। वित्तीय समावेशन कार्यक्रम के अंतर्गत स्वयं सहायता समूहों के योगदान से गाँवों का आर्थिक उत्थान करने का बीड़ा विभिन्न वित्तीय संस्थानों द्वारा उठाया गया है और इसमें उन्हें लगातार सफलता भी मिल रही है। विशाल रेलवे नेटवर्क जहाँ भारत के एक कोने से दूसरे कोने के नागरिकों को जोड़ रहा है वहीं सड़क संसाधनों में भी बढ़ोतरी जारी है। भारत में संचार क्रांति सबके लिए वरदान साबित हुई है, आज प्रत्येक नागरिक विभिन्न सूचनाएँ जिस समय चाहे, प्राप्त कर सकता है। सरकारी कार्यालयों के किसी भी कार्य की सूचना ‘सूचना का अधिकार’ अधिनियम से प्राप्त की जा सकती है। 

‘शिक्षा का अधिकार’ के अंतर्गत सरकारी स्कूलों में प्रत्येक बच्चा शिक्षित बन सके, इसके प्रयास किए जा रहे हैं। देश भर के ग़रीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले परिवारों के बच्चों को संपूर्ण निशुल्क शिक्षा निजी स्कूलों में भी प्राप्त हो सके, इसके लिए समय-समय पर निर्देश दिए जाते हैं और उनके अनुपालन पर नज़र भी रखी जाती है। उच्च शिक्षा हेतु विभिन्न माध्यमों से विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप प्रदान किया जाता है और विभिन्न प्रकार से अन्य सहायता प्रदान की जाती है। 

प्राचीन काल से ही हमारे भारत के नाम अनेक उपलब्धियाँ हैं। गर्व करने का विषय है कि गणित के ‘ज़ीरो’ का आविष्कार भारत में हुआ। योग, आयुर्वेद और चरक विद्या ने दुनिया को चिकित्सा क्षेत्र की एक नई दिशा प्रदान की। खेल की दुनिया में शतरंज जैसे पेचीदा खेल की शुरूआत भारत से हुई। भारत में अकूत खनिजों के भंडार और अथाह समुद्र में तेल और अन्य पदार्थों ने दुनिया का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। 
हिमालय की बर्फ़ीली वादियों से लेकर समुद्री सुंदरता लिए कन्याकुमारी तक भारत की छवि को किसी एक पैमाने से नहीं नापा जा सकता। जहाँ एक ओर भारत में विभिन्न छटाएँ बिखेरने वाले प्राकृतिक दृश्य मन को मोह लेते हैं वहीं दूसरी ओर प्राचीन संस्कृति और सभ्यता को दर्शाते हुए आस्था से ओत-प्रोत धार्मिक स्थल किसी भी मनुष्य के हृदय में विश्वास का आधार बनाने में सफल हैं। जहाँ एक ओर देश के प्रत्येक भाग में स्थापित ऐतिहासिक इमारतें भारत का इतिहास बयान करती हैं वहीं दूसरी ओर रामायण, महाभारत, पृथ्वीराज रासो जैसे महाकाव्य इस देश की मानवीय सभ्यता, वीरता और श्रेष्ठ राजनीति का बखान करते हैं। 

जहाँ एक ओर लोक-नृत्य विभिन्न क्षेत्रों के रहन-सहन, खान-पान और रीति-रिवाज़ों की जानकारी देते हैं, वहीं दूसरी ओर भारतीय शास्त्रीय संगीत और नृत्य-मुद्राएँ संसार भर के गूढ़ रहस्यवाद और आध्यात्मिकता से परिचय कराती हैं। देश भर में जब सभी धर्मों के लोग एक होकर अत्यंत उत्साह के साथ अनेक प्रकार के त्योहार मनाते हैं और एक-दूसरे को बधाई और शुभकामनाएँ देते हैं तो दुनिया भर के लोग दाँतों तले अंगुली दबाने को विवश हो जाते हैं। विभिन्न भाषाओं और बोलियों का यह भारत देश दुनिया के प्रत्येक व्यक्ति के लिए एक कौतूहल बनकर उभरा है। एक और जहाँ विभिन्न प्रांतों की अलग-अलग वेषभूषा अनायास ही मन को आकर्षित करती है वहीं दूसरी ओर प्रत्येक क्षेत्र के विशिष्ट व्यंजन भी खाने के शौक़ीन व्यक्तियों को अलग ही स्वाद प्रदान करते हैं। 

आज प्रत्येक देश हमसे सेवाएँ, तकनीक और अनाज आयात तो करना चाहता ही है पर साथ ही वह हमारी सभ्यता और संस्कृति को भी अपनाना चाहता है। भारत की आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति विश्व के तमाम देशों की अपेक्षा बेहतर है और अभी यह और भी अधिक बेहतर बनने की राह पर अग्रसर है। भारत में तमाम तरह की विविधताएँ हैं लेकिन सभी भारतवासी एक हैं और इसीलिए इसे अतुल्य भारत की संज्ञा दी गई है। 

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