उस सर्द मौसम में
बृजमोहन स्वामी 'बैरागी'उस सर्दी में
जब तुम्हारे हसीन
चेहरे पर
जमी
ओस की सुनहरी बूँद चमकी,
मेरे दिल में, उन्होंने, तमन्नाओं के
सारे दरवाज़े खोल दिए
समेट लिया तुम्हें
हमेशा के लिए
तुम्हारी सच्ची मोहब्बत पर
मुझे
आज भी
नाज़ है गीत....!