तोहफ़ा
आयुष कुमार शर्मामहीनों बाद मिला तुझसे
तेरा ये रोष तोहफ़ा है
गिरता मैं, जो सड़कों पर
बचाता दोस्त तोहफ़ा है
सूखे खेतों में सावन की
पहली बरसात तोहफ़ा है
धूप से जलते बदन को
शीतल रात तोहफ़ा है
रहा है क़ैद, पंछी जो
खुला आसमान तोहफ़ा है
सीखा दे जो, जीना सबको
वो जीवन महान तोहफ़ा है