सँभलते हैं
डॉ. शिप्रा वर्मासँभलते हैं,
फिर चोट खाने के लिए!
उठते हैं,
फिर गिर जाने के लिए!
रोते हैं,
फिर मुस्कुराने के लिए!
चुप हैं,
फिर से गीत गाने के लिए!
सँभलते हैं,
फिर चोट खाने के लिए!
उठते हैं,
फिर गिर जाने के लिए!
रोते हैं,
फिर मुस्कुराने के लिए!
चुप हैं,
फिर से गीत गाने के लिए!