रिश्ते
डॉ. प्रीति श्रीवास्तवरिश्ते कभी अच्छे या बुरे नहीं होते
नहीं देते वो पीर, ना ही मरहम लगाते हैं
ना ही ख़ुशियों में हमारी, वो नाचते-गाते हैं
ये तो रिश्तों के लिबास में, इंसान काम कर जाते हैं
दुःख, अपमान, घृणा, राग-द्वेष,
प्रतिस्पर्धा के तूफ़ान लायें
अथवा मानवीयता से परिपूर्ण,
प्रेम, समर्पण, ख़ुशी, सम्मान के नेह बरसाये
जीवन के हर रंग के बाजीगर,
रिश्तों के लिबास में इंसान है
प्रीति, रिश्ते तो बस नाम की पहचान हैं।