प्रेमचंद आज के परिप्रेक्ष्य में
चंचला प्रियदर्शिनीमानसरोवर की धरती पर
गोदान को गबन किया
नमक के दरोगा ने।
बड़े घर की बेटी चली
कफ़न ओढ़े, सेवासदन को
जो थी, आत्माराम की रंगभूमि।
दो बैलों की कथा को
पंच परमेश्वर ने ऐसे सुलझाया –
गुल्ली डंडा के खेल में
जो जीते, वो हैं –
शतरंज के खिलाड़ी।