जो छुपा है इस दिल में
आकाश जैनजो छुपा है इस दिल में,
छुपा रखा है सबसे वही,
कि कहीं मिट ना जाये,
मिट गए जैसे रिश्ते सभी।
समेट लीं हैं ख़ुशियाँ भी अब,
बटोर लीं है हँसी भी,
डरता हूँ खो न जाएं,
जैसे खो गए हैं अपने भी।
रंग भी बदरंग हुए हैं,
ऋतुएँ भी अब बदलती नहीं,
सन्नाटे को चीर कर,
कोई आवाज़ देता नहीं।
समय का पहिया लगता है ऐसे,
जैसे वहीँ रुक सा गया है,
वही रोना वही सिसकना,
जिसने हमें अपना लिया है।
उदासी ही अब अपना गहना है,
आँसुओं संग जीना मरना है,
पर उस आख़िरी लम्हे तक,
इस दिल को उसी का रहना है॥