विभा रानी श्रीवास्तव हाइकु-मुक्तक -1
विभा रानी श्रीवास्तवजपानी विधा में लिखी गई 17 अक्षर और 3 पंक्तियों की व्यापक अर्थ लिए कविता को ही हम चार पंक्तियों में एक भाव पर चार हाइकु लिखें तो बनेगा।
1
सूखे ना स्वेद / अपहृत बरखा / रोता भदई
देख भू चौंकी / खाली बूँदें-बुगची / नभ मुदई
व्याकुल कंठ / भरे नयन सरि / चिंता में दीन
भादो है छली / घाऊघप बादल / द्विनिरदई
अपहृत = अपहरण हो गया
घाऊघप = गुप्त रूप से किसी का धन हरण करने वाला
2
लोभ प्रबल / भ्रमति है मस्तके / लब्धा का साया
ताने वितान / कष्टों का आवरण / नैराश्य लाया
डरे वियोगी / ईर्ष्या में क्रोध संग / वितृप्त मनु
काया से माया / पीर से नीर बहे / बबाल छाया।