आया बसंत
प्रिया देवांगन ’प्रियू’आया बसन्त का राजा है, झूम उठे हरियाली।
पेड़ों पर बैठे हैं पंछी, चहके डाली डाली॥
मौर आ गए आमों पर, महक लगे सुहानी।
गीत गाते बच्चे सारे, दादी सुनाये कहानी॥
इतराती है तितली रानी, फूलों पर बैठ जाती।
बड़े मज़े से अपनी धुन में, गीत मधुर है गाती॥
ऋतु लगे बड़ी सुहानी, जब बसन्त आ जाये।
खेलें कूदें बच्चे सारे, पंछी भी चहचहाये॥