सन्तोष सुपेकर

सन्तोष सुपेकर

सन्तोष सुपेकर

जन्म: जून 1967 को उज्जैन (म. प्र.) 
शिक्षा: 

  • एम.कॉम (प्री), आई.टी.आई.

  • पत्रकारिता एवं जनसंचार में स्नातकोत्तर डिप्लोमा। 

मातृभाषा: मराठी
प्रकाशन एवं प्रसारण:

  • वर्ष 1986 से सतत् पत्र लेखन, कविता, लघुकथा, व्यंग्य, कहानी एवं समीक्षा लेखन में सक्रिय। 

  • आकाशवाणी एवं 40 देशों में सुने जाने वाले इंटरनेट रेडियो ‘बोल हरियाणा बोल’ पर कविताएँ एवं लघुकथाएँ प्रसारित। 

  • विदेशों (मॉरीशस, नीदरलैंड, कैलिफोर्निया, दुबई) से भी रचनाएँ प्रकाशित। 

प्रकाशित कृतियाँ:

  1. साथ चलते हुए (लघुकथा संकलन) 2004

  2. हाशिए का आदमी (लघुकथा संग्रह) 2007

  3. बन्द आँखों का समाज (लघुकथा संग्रह) मराठी संस्करण, 'डोळस पण अंध समाज' पुणे (महाराष्ट्र) से प्रकाशित 2010

  4. चेहरों के आरपार (काव्य संग्रह) 2011, अँग्रेज़ी संस्करण ACROSS THE FACES कोलकाता से 2019 में प्रकाशित

  5. भ्रम के बाज़ार में (लघुकथा संग्रह) 2013

  6. यथार्थ के यक्ष प्रश्न (काव्य संग्रह) 2015

  7. हँसी की चीखें (लघुकथा संग्रह) 2017

  8. नक्कारखाने की उम्मीदें (काव्य संग्रह) 2020

  9. सातवें पन्ने की ख़बर (लघुकथा संग्रह) 2020

  10. अपकेन्द्रीय बल (लघुकथा संग्रह) 2022, 

अनुवाद: 

  • लघुकथाएँ अँग्रेज़ी, मराठी, बांग्ला, गुजराती, कन्नड़, सिंधी, उड़िया, उर्दू, मालवी बोली एवं पंजाबी भाषा के अतिरिक्त नेपाली भाषा में भी अनूदित।

  • कविताएँ भी (मराठी, अँग्रेजी और मलयालम भाषाओं में) अनूदित। 

  • क्षिप्रा थैके गंगा पर्यन्तो (कोलकाता से प्रकाशित संकलन में 20 लघुकथाएँ बांग्ला में अनूदित

  • श्रीमती कल्पना भट्ट द्वारा 56 लघुकथाओं का अँग्रेज़ी अनुवाद 'Selected Laghukathas of Santosh Supekar' 2022 में प्रकाशित

सम्पादन:

  1. “शब्द सफ़र के साथी” (लघुकथा फ़ोल्डर, 2013) 

  2. अविराम साहित्यिकी, बरेली का श्रीकृष्ण 'सरल' विशेषांक (2017) 

  3. अनाथ जीवन की लघुकथाएँ (2021), 

  4. उत्कण्ठा के चलते (लघुकथा साक्षात्कार संकलन 2021) 

पुरस्कार एवं सम्मान:

  • दैनिक भास्कर एवं इंडिया टुडे द्वारा (क्रमश: वर्ष 1999 एवं 2013 में) सर्वश्रेष्ठ पत्र लेखक पुरस्कार

  • लघुकथा लेखन के लिए कई पुरस्कार जिसमें पाँच बार कथादेश (नई दिल्ली) की अ.भा. लघुकथा प्रतियोगिता के पुरस्कार शामिल। 

  • रेल मंत्रालय भारत सरकार द्वारा लघुकथा संग्रह “बंद आँखों का समाज“ पर प्रेमचंद कथा सम्मान। इसी संग्रह के लिए भोपाल का अंबिका प्रसाद दिव्य रजत अलंकरण। 

  • 1983 में स्थापित 'क्षितिज' संस्था (इंदौर) का प्रथम लघुकथा समग्र सम्मान (2018)

  • श्री साहित्य मंडल नाथद्वारा (राजस्थान) द्वारा 'काव्य कलाधर' की उपाधि। 

  • लघुकथा शोध केंद्र, भोपाल द्वारा 2022 में पद्मश्री रामनारायण उपाध्याय स्मृति प्रादेशिक लघुकथा सम्मान। 

  • गजलांजली संस्था उज्जैन का प्रथम जगदीशचन्द्र पंड्या स्मृति सम्मान। 

  • देशभर की कई संस्थाओं एवं पत्रिकाओं द्वारा पुरस्कृत। 

अन्य उपलब्धियाँ:

  • दिशा प्रकाशन (नई दिल्ली) की लघुकथा शृंखला संकलन 'पड़ाव और पड़ताल' के 15वें खण्ड में लघुकथाएँ शामिल लघुकथा पर पोस्टर निर्मित एवं अ.भा. लघुकथा प्रदर्शनी-2018 में इंदौर में प्रदर्शित।

  • अ.भा. लघुकथा सम्मेलन, इंदौर में समीक्षक के रूप में आमंत्रित।

  • विश्व लघुकथाकार कोष में शामिल।

  • दिशा प्रकाशन (नई दिल्ली) द्वारा देश की चुनिंदा 66 लघुकथाओं के पात्रों की पड़ताल में रचना शामिल।

  • कई लघुकथाओं पर ऑडियो एवं वीडियो निर्मित।

विशेष:

  • महाराष्ट्र राज्य शिक्षा बोर्ड के कक्षा 10वीं के पाठ्यक्रम में दो लघुकथाएँ शामिल।

  • लघुकथा कलश (पटियाला) द्वारा स्वयं के लघुकथा अवदान पर आलेख।

  • दो लघुकथाओं पर बिहार के श्री अनिल पतंग द्वारा शॉर्ट फ़िल्मों का निर्माण। 

सम्प्रति:

  • साहित्य सम्पादक, पत्रकार-दैनिक जन टाइम्स, उज्जैन। 

  • रेल सेवा से निवृत्ति के पश्चात स्वतन्त्र लेखन। 

संबंद्धता: सरल काव्यांजलि साहित्यिक संस्था उज्जैन तथा मध्यप्रदेश लेखक संघ से।