वो चलाये जा रहे दिल पर
वीरेन्द्र खरे ’अकेला’वो चलाये जा रहे दिल पर कटारी देखिए
हँस रहे हैं फिर भी हम हिम्मत हमारी देखिए
पायलागी सामने और पीठ पीछे गालियाँ
आजकल के आदमी की होशियारी देखिए
एक हरिजन दर्द अपना क्या बयां कर पाएगा
सामने शुक्ला, दुबे, चौबे, तिवारी देखिए
सारे अपराधों पे है हासिल महारथ आपको
आप संसद के लिए उम्मीदवारी देखिए
मैकशों के साथ उठना-बैठना अच्छा नहीं
मौलवी जी आप अपनी दीनदारी देखिए
कब तलक लटका के रक्खेंगे ये दिल का मामला
सामने वाले की कुछ तो बेक़रारी देखिए
काम हो पाया नहीं तो घूस लौटा दी गई
बेईमानों की ज़रा ईमानदारी देखिए
ऐ ‘अकेला’ इक तमाशा बन गई जम्हूरियत
एक बंदर को नचाते सौ मदारी देखिए
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