फागुनी बयार

03-03-2016

सकुचि बैठी
सखियन के संग
मोहे बुला लो

 

जिया कहे ये
पिया उठाओ मोरे
घूँघट पट

 

गले लगा लो
फागुनी बयार हूँ
मैं नटखट

0 टिप्पणियाँ

कृपया टिप्पणी दें