माना कि हम
वीरेन्द्र कुमार कौशलमाना कि हम
उदास हैं
शायद हालात ऐसे रहे
पर फिर भी
हम बिंदास हैं
क्योंकि
हमें एहसास है
कि
कोई तो अपना है
जो बिन कारण
बिन वज़ह
हमें चाहता है
कुँए की गहराई सा
कि हम और उदास न रहें
माना कि हम....