करें हिन्दी से प्यार
डॉ. केवलकृष्ण पाठक
हम भारत के वासी हैं, भारत अपना देश।
सदा हमें इस पर गर्व, जीवन मिला विशेष॥
इसकी अपनी संस्कृति, सरल मधुर व्यवहार।
भाषा बोली प्यारी है, सब को इस से प्यार॥
राष्ट्र भाषा हिंदी यहाँ, लिपि है नागरी रूप।
जननी इस की संस्कृत, मीठी मधुर अनूप॥
छोड़ मोह अंग्रेज़ी का, करें हिंदी से प्यार।
देश सेवा ही लक्ष्य है, जीवन का आधार॥
विश्व हिंदी दिवस पर हार्दिक शुभकामनायें!