01-07-2020

पिता को समर्पित कविता - ओ पिता!

आज पूरे एक वर्ष हो गए पिता के अमूर्त हुए। उनका जाना शायद अमूर्त रूप में मेरे भीतर उतर आना था, तभी तो उन्हें अधिक महसूस रही ....