डॉ. राजेन्द्र गौतम

डॉ.  राजेन्द्र गौतम

डॉ. राजेन्द्र गौतम

संप्रति : रीडर, रा.ला.आ.कॉ. (दिल्ली विश्वविद्यालय) 
प्रकाशन :

१. रचनात्मक लेखन, भारतीय ज्ञानपीठ दिल्ली (२००६)
२. दृष्टिपात, सरोज प्रकाशन, दिल्ली (१९९७)
३. पंत के काव्य में आभिजात्यवादी और स्वच्छंदतावादी तत्त्व, लोक प्रकाशन, दिल्ली (१९८९)
४. हिंदी नवगीतः उद्भव और विकास, पराग प्रकाशन, दिल्ली (१९८४)
५. बरगद जलते हैं, अनुराग प्रकाशन, दिल्ली (१९९८)
६. गीत पर्व आया है, दिगंत प्रकाशन, दिल्ली (१९८३)
७. प्रकृति तुम वंद्य हो, ह० सा० अकादमी, चंडीगढ़ (१९९१)
८. कविता यात्राः छह (सं), ह० सा० अकादमी, चंडीगढ़ (१९९२)
९. कथावीथी (सं), राजकमल प्रकाशन (२०००)
१०. ज्ञानकलश (सं), सरोज प्रकाशन, दिल्ली (१९९७)
११. आधुनिक कविता (सं), शारदा प्रकाशन, दिल्ली (१९९२)
१२. भूमिजा (सं), अंगिरा शोध संस्थान, जींद (१९८४)
१३. कवि अनुपस्थित है (संयुक्त), वाणी प्रकाशन, दिल्ली (१९७६)
१४. नवगीत दशक तीन (संयुक्त), पराग प्रकाशन, दिल्ली (१९८४)
१५. यात्रा में साथ साथ (संयुक्त), पराग प्रकाशन, दिल्ली (१९८४)
१६. दोहा सप्तपदी (संयुक्त), अयन प्रकाशन, दिल्ली (१९९५)
१७. बाबा नंदसिह (अनूदित), रिलायंस प्रकाशन, दिल्ली (१९९४)

लगभग सौ शोधपत्र संगोष्ठियों में प्रस्तुत/शोधपत्रिकाओं में प्रकाशित
दूरदर्शन एवं आकाशवाणी से अनेक साहित्यिक प्रसारण

प्रकाशनाधीन पुस्तकें : शिक्षा के विविध आयाम, राजभाषा और पारिभाषिक शब्दावली, समकालीन हिंदी कविता, हरियाणवी काव्य एवं लखमीचंद, कुछ प्रेम कविताएँ, विविध शोधपत्रों के तीन संकलन 

सम्मानादि :

  • “विश्व हिंदी सचिवालय मारीशस” के  उद्‌घाटन-समारोह; १२.०८.०४-२२.०८.०४ में भारत के द्विसदस्यीय शिष्टमंडल के रूप में मारीशस-यात्रा

  • विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की सांस्कृतिक आदान-प्रदान योजना के अंतर्गत २६ नवंबर २००३ से २६ फरवरी २००४ तक महात्मा गांधी संस्थान मारीशस‘ में अध्ययन-अध्यापन।

  • मारीशस ब्रॅाडकास्टिंग कॉर्पोरेशन द्वारा "एन्काउंटर विद एन इंडियन राइटरः डॉ. राजेंद्र गौतम" शीर्षक से डाक्यूमेंट्री फिल्म बनाई गई।

  • “बरगद जलते हैं” १९९८ में तथा “गीतपर्व आया है” १९८४ में हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा श्रेष्ठ कविता-पुस्तक के रूप में पुरस्कृत

  • कई विश्वविद्यालयों में शोधर्थियों द्वारा रचनात्मक साहित्य पर एम. फिल. एवं पीएच. डी. हेतु शोधकार्य 

  • पंजाब विश्वविद्यालय में एम. ए. हिंदी;१९७४ तथा बी. ए. आनर्ज हिंदी;१९७२ में प्रथम रहने पर दो बार स्वर्ण-पदक 

  • “आठवें दशक के प्रबंध-काव्य” शोधपत्र पर अखिल भारतीय निबंध पुरस्कार (१९७८)

  • “आधुनिकता और राष्ट्रीय एकता” निबंध पर पंजाब विश्वविद्यालय का    आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी  स्वर्णपदक (१९७४)


 

लेखक की कृतियाँ

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