डॉ. आस्था नवल

डॉ. आस्था नवल

डॉ. आस्था नवल

जन्म :  आस्था नवल का जन्म दिल्ली के साहित्यिक परिवार में हुआ। 
पिता : डॉ. हरीश नवल और माता डॉ॰ स्नेह सुधा से बचपन से ही लेखन कला को विरासत में पाया।
शिक्षा :  आस्था नवल ने दिल्ली विश्वविद्यालय के हिन्दू कॉलेज से प्रथम श्रेणी में हिन्दी में स्नातक और स्नातकोत्तर की उपाधि ग्रहण की। यूजीसी से सीनियर छात्रवृत्ति प्राप्त की और साथ साथ जामिया मिलिया विश्विविद्यालय से हिन्दी नाटक में प्रो. अशोक चक्रधर के नेतृत्व में पीएच.डी. की। पीएच.डी. करते हुए उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के इंद्रप्रस्थ और मिरांडा हाऊस कॉलेज में अध्यापन कार्य भी किया।

सम्प्रति :   पति ललित ग्रोवर के साथ वर्जीनिया में रहती हैं। वाशिंगटन डीसी के एक लैंग्यूज सेंटर में हिन्दी अध्यापिका हैं और हिन्दी से जुड़े कार्यों में विशेष योगदान देती हैं।
रचना कर्म :  ननिहाल और पिता के घर में सात वर्ष की आयु में कविता लेखन का प्रोत्साहन मिला और तबसे ही कविता और लेख लिख रही हैं। 

उन्नीस वर्ष की आयु में उनकी प्रथम पुस्तक ‘आस्था की डायरी’ का लोकार्पण बलगेरिया के सोफिया विश्वविद्यालय में हुआ। उनकी दूसरी पुस्तक ‘लड़की आज भी’ (प्रथम काव्य संकलन) का लोकार्पण सम्माननीय कमलेश्वर जी के करकमलों द्वारा २००६ में दिल्ली में हुआ। ‘आस्था की डायरी’ पुस्तक को इंद्प्रस्थ साहित्य भारती साहित्कृति सम्मान समारोह में २००२ में गुरूदत्त सम्मान मिला।

लेखन के साथ साथ आस्था नवल नाटक में भी विशेष रुची रखती हैं। दिल्ली में इंडिया हेबीटेट सेंटर, श्रीराम सेंटर आदि में इन्होंने नाटक खेले हैं और वाशिंगटन डीसी के २००७ फ्रिंज फेस्टिवल में दक्षिण एशियाई लोगों पर आधारित नाटक में भाग लिया। भारतीय दूरदर्शन के साहित्यिक कार्यक्रम पत्रिका, धार्मिक कार्यक्रम अमृत वाणी और टी.वी. पर प्रसारित होने वाली कई काव्य गोष्टियों का संचालन किया है।

पत्र पत्रिकाओं में कविता और लेख द्वारा उनका निरंतर योगदान रहता है।

सम्मान:

  • जर्मन के हेरीमन प्यूटर द्वारा आयोजित अखिल भारतीय निबंध प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार,

  • पिलानी अखिल भारतीय कविता लेखन में प्रथम पुरस्कार,

  • अजमेर विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित अखिल भारतीय कविता प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार,

  • साहित्य अमृत द्वारा आयोजित अखिल भारतीय कहानी प्रतियोगिता में द्वितीय पुरस्कार

  • हिन्दी अकादमी दिल्ली द्वारा आयोजित कविता और लेख प्रतियोगिता में पुरस्कार

  • ‘आस्था की डायरी’ पुस्तक को इंद्प्रस्थ साहित्य भारती साहित्कृति सम्मान समारोह में २००२ में गुरूदत्त सम्मान मिला।