कभी हँसाते कभी रुलाते,
मीठे सपने हैं खो जाते। 
जीवन का क्या मर्म है साथी, 
प्राय: बता कर हैं मिट जाते।

जब सफलता पास में आती,
मेहनत का मतलब समझाती।
फिर चुपके से है कह जाती,
मैं रहती हूँ आती जाती। 

जैसे बादल मिटते-मिटते,
धरा की प्यास बुझाते जाते। 
सदा ही बच्चो, अमर रहेंगे,
मातृभूमि पर जो मिट जाते।

सपनों की झूठी दुनिया में,
कुछ सपने सच्चे हो जाते।
कुछ सपने ऐसे भी  होते,
जो मिट कर हैं ज़िन्दा रहते।

बच्चो! हर दम याद ये रखना,
जीवन का बस ये हो सपना। 
सच पे क़ायम सदा रहेंगे, 
सच्चा साथी है ये अपना।

जीवन की दुश्वार डगर पर,
बढ़ते रहते हैं वे आगे।
उनकी ताक़त है लासानी,
दुश्मन जिनके आगे भागे।

भूल न जाना प्यारे बच्चो, 
सपनों के बिन जीवन सूना।
उदासियाँ ये दूर भगा कर, 
कर देते ख़ुशियों को दूना।

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