क़िस्सा किडनी का

18-04-2008

क़िस्सा किडनी का

के.पी. सक्सेना 'दूसरे'

अचानक अख़बार पढ़ते-पढ़ते लाल साहब की तबियत ज़्यादा बिगड़ गयी। बीमार तो थे ही – बेटे को ख़बर की। वह भागता हुआ घर आया और उन्हें लेकर अस्पताल जा पहुँचा।

फौरी चेक-अप के बाद डॉक्टर ने कुछ और इन्वेस्टिगेशन के लिए भर्ती करने की सलाह दी। यह जानकर कि भर्ती होने के सिवाय कोई चारा नहीं है, लाल साहब बेटे को बुलाकर धीरे से फुसफसाये –

“बेटा, पहले हार्ट, लीवर, किडनी वगैरह की जाँच करा कर रिपोर्ट हाथ में ले लेना।”

“इन सब की ज़रूरत नहीं है, पापा – आपको दूसरी प्राब्लम है,” लड़का झुँझलाया।

“तू अखबार नहीं पढ़ता क्या?” – लाल साहब ने चिढ़कर अभी तक हाथ में पकड़ा अख़बार जिसमें उन्होंने लाल पेन से एक लाई रेखांकित कर रखी थी उसकी ओर उछाल दिया –

लिखा था – “.... डॉक्टर का कहना था कि भर्ती किए जाते वक्त मरीज के एक ही किडनी थी”।

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