मीठी वाणी

15-06-2021

मीठी वाणी

ओम प्रकाश श्रीवास्तव 'ओम'  (अंक: 183, जून द्वितीय, 2021 में प्रकाशित)

मीठी वाणी मीत मिलते,
तीखी वाणी शत्रु पनपते।
 
मीठी मीठी वाणी बोलिए
जगत में मधुरता घोलिए।
 
मीठी वाणी देव की जानी
तीखी वाणी दैत्य निशानी।
 
मीठी वाणी दिल मिलाए
तीखी वाणी क़हर बरपाए।
 
मीठी वाणी औषधि बनती
तीखी वाणी ज़हर उगलती।
 
मीठी वाणी सबको भाती,
जगत में सम्मान दिलाती।
 
मीठी वाणी उपजे सुविचार,
तीखी वाणी कुत्सित विचार।
 
प्यारे तुम भी मीठा ही बोलो,
पहले तोलो फिर मुख खोलो।

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