लाशों की भीड़ में खड़ी माँ भारती रो रही
चिता जलाऊँ किस के लिए बनाऊँ कब्र किसकी मानव मानवता धर्म धार्मिकता देश देशभक्ति है कौन यहाँ हुई हो न मौत जिसकी