मौसम अलबेला
डॉ. शिप्रा वर्मामौसम अलबेला जब आए
चल बगिया में जामुन खाएँ
कोटरों से निकलो पंछी तुम
हवा सुहानी - घूम के आएँ
वो बादल भी निकला घर से
रिमझिम वर्षा - भीगा जाए
ख़ुश तो आज बहुत है मौसम
ठंडी - ठंडी हवा इतराए
यह मौसम और संग हो तेरा
क्यों न चले हम भी बल खाएँ
कुछ कहना है तुझसे मौसम
वही जो अब तक कह न पाए
साँस – साँस में घुल जा मौसम
जीवन भर फिर बिछड़ न पाए
रंग सुनहरे मौसम से ले
जीवन को रंगीन बनाएँ!!