जंगल में स्कूल
रमेश ‘आचार्य’लोमड़ी को एक सूझ आई,
राजा शेर को जाकर बताई।
गर जंगल में स्कूल खुले,
सभी जानवर करें पढ़ाई।
शेर को यह बात पसंद आई,
उसने एक मीटिंग बुलवाई।
भालू, हाथी, बंदर सबने,
इस नेक काम में ‘हाँ’ मिलाई।
हाथी दादा बने प्रिंसिपल,
भालू मामा ने इंग्लिश पढ़ाई।
मिट्ठू तोते ने मधुर वाणी में,
हिन्दी की कविता समझाई
आस-पास के पशु-पक्षी भी आकर करने लगे
अब नंदनवन की हो रही है, चारों ओर वाहवाही।