आज कोई तो फैसला होगा

30-04-2007

आज कोई तो फैसला होगा

सजीवन मयंक

आज कोई तो फैसला होगा।
कौन जो दूध का धुला होगा।।

 

एक पगडंडी अलग से दिखती है।
कोई इस पर कभी चला होगा।।

 

होगी मशाल जिसके हाथों में।
पीछे उसके एक काफ़िला होगा।।

 

जो आदमी को गले लगाता था।
वो पागल आपको मिला होगा।।

 

झूठ बनकर गवाह आया है।
सांच की आंच में जला होगा।।

 

ठूँठ सा जो आज उपेक्षित है।
कभी इस पर भी घोंसला होगा।।

 

रोशनी का स्याह चेहरा है।
अंधेरे नें कहीं छला होगा।।

 

ये लावारिस पड़ा हुआ मुर्दा।
किसी की गोद में पला होगा।।

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