ज़कीया ज़ुबैरी
जन्म / बचपन : 1 अप्रैल 1942 को वाजिद अली शाह के अवध यानी कि लखनऊ में। आपकी मातृभाषा हिन्दी है। आपका बचपन आज़मगढ़ में बीता। शुरूआती स्कूली पढ़ाई आज़मगढ़ की सरकारी कन्या पाठशाला में हुई।
शिक्षा : सातवीं कक्षा के बाद इलाहाबाद के सरकारी स्कूल में पढ़ाई। इंटरमीडियेट में अपने महाविद्यालय की यूनियन की अध्यक्ष बनीं। बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री।
लेखन : ज़कीया जी को बचपन से ही पेंटिंग एवं कविता व कहानी लिखने का शौक रहा है। आप हिन्दी एवं उर्दू दोनों भाषाओं में समान अधिकार रखती हैं। आपकी रचनाएँ पत्रिकाओं एवं समाचार पत्रों में प्रकाशित होती रही हैं। दूसरे लेखकों को मंच प्रदान करने में व्यस्त रहने वाली ज़कीया जी ने कभी अपना संकलन प्रकाशित करवाने के बारे में सोचा ही नहीं। आपकी भाषा में गंगा जमुनी तहज़ीब की लज़्ज़त महसूस की जा सकती है।
गतिविधियाँ :
एशियन कम्यूनिटी आर्ट्स नाम की संस्था की अध्यक्षा श्रीमती ज़कीया ज़ुबैरी ने नृत्य, संगीत, गीत एवं लेखन क्षेत्र में बहुत से नये नर्तकों, गायकों, एवं लेखकों को लंदन में मंच प्रदान करवाया है।
आप भारत एवं पाकिस्तान से लंदन आने वाली साहित्यिक एवं सांस्कृतिक हस्तियों के सम्मान में समारोह आयोजित करती हैं। कथा यू.के. के साथ मिल कर ज़कीया जी ने पिछले 3 वर्षों में ऐसे बहुत से कार्यकर्मों का आयोजन किया है।
लंदन में बसे पाकिस्तानी गायक शमील चौहान की स्वरचित रचनाओं का संगीत सी.डी. एवं हिन्दी लेखक तेजेन्द्र शर्मा की कहानियों का उर्दू में अनुवाद एवं पुस्तक रूप में प्रकाशन उनकी उपलब्धियों में शामिल है। उन्होंने एशियन कम्यूनिटी आर्ट्स के माध्यम से सूरज प्रकाश के उपन्यास देस बिराना एवं तेजेन्द्र शर्मा की 16 कहानियों की ऑडियो सी.डी. भी बनवा कर जारी की हैं।
विशेष :
ज़कीया जी ब्रिटेन की लेबर पार्टी के सक्रिय सदस्या हैं। लेबर पार्टी के टिकट पर आप दो बार चुनाव जीत कर काउंसलर निर्वाचित हो चुकी हैं। वर्तमान में वे लंदन के बारनेट संसदीय क्षेत्र के कॉलिंडेल वार्ड की पहली और एकमात्र मुस्लिम महिला काउंसलर हैं। आप ग़रीबों और कमज़ोरों की लड़ाई पूरी शिद्दत से लड़ती हैं और उन्हें सरकार से उनके हक दिलवाने के सफल प्रयास करती हैं।
आपने हिन्दी और उर्दू के बीच की दूरियाँ पाटने के लिये बहुत से प्रयास किये हैं। आप साहित्य के माध्यम से भारत और पाकिस्तान के बीच की दूरियों को पाटने में विश्वास रखती हैं। कथा यू.के. साथ मिल कर शीघ्र ही ब्रिटेन में रची गयीं 14 उर्दू कहानियों का हिन्दी में अनुवाद करवा कर संकलन प्रकाशित करवाया जाएगा।
अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी सम्मेलन : जनवरी 2007 में खाड़ी हिन्दी सम्मेलन में ज़कीया ज़ुबैरी ने हिन्दी एवं उर्दू के बीच की दूरियों को घटाने के लिये महत्वपूर्ण सुझाव दिये।