डॉ. विनय ‘विश्‍वास’

डॉ.  विनय ‘विश्‍वास’

डॉ. विनय ‘विश्‍वास’

(मूल नाम: विनय कुमार जैन)

जन्म : जुलाई, सन् 1962 को दिल्‍ली में।
शिक्षा : दिल्‍ली विश्‍वविद्यालय से हिन्‍दी में एम. फिल. और पी-एच. डी.।
प्रकाशन :
कविताएँ:

  • ‘अष्‍टाक्षर’ नामक आठ कवियों के सामूहिक कविता संकलन (संपादन: डॉ. द्वारिका प्रसाद चारुमित्र -प्रकाशक: जनप्रिय प्रकाशन, 29/60, गली नं. 11, विश्‍वास नगर, दिल्‍ली-110032 पहला संस्‍करण: (1991) में एक कवि।

  • ‘पत्‍थरों का क्‍या है’ 1984 से 2004 तक की कविताओं का संकलन। (प्रकाशक: राजकमल प्रकाशन प्रा. लि., 1-बी, नेताजी सुभाष मार्ग, नई दिल्‍ली-110002 –पहला संस्‍करण: 2004)

  • ‘धूप तिजोरी में नहीं रहती’ (सन् 2005-2019 तक की कविताओं का संकलन) -प्रकाशक: नयी किताब प्रकाशन, 16, शांतिमोहन हाउस, अंसारी रोड, दरियागंज, नई दिल्‍ली-110002 -पहला संस्‍करण: 2019, दूसरा संस्करणः 2023

  • नवभारत टाइम्‍स, दैनिक हिन्‍दुस्‍तान, जनसत्‍ता, राष्‍ट्रीय सहारा, कादम्बिनी, नया पथ, समकालीन भारतीय साहित्‍य, इन्‍द्रप्रस्‍थ भारती, कथन, अनभै साँचा, गगनांचल, सहारा समय, व्‍यंग्‍य यात्रा, हंस, आजकल, वागर्थ आदि पत्र-पत्रिकाओं में समय-समय पर कविताएँ प्रकाशित। पंजाबी मासिक पत्रिका ‘अकस’ में कुछ कविताओं का पंजाबी अनुवाद प्रकाशित।

आलोचना:

  • ‘आज की कविता’ नाम से समकालीन कविता की अर्थवत्‍ता के विवेचन का प्रयास करने वाली आलोचना-पुस्‍तक का पहला संस्‍करण सन् 2009 में और दूसरा संस्‍करण: 2019 में राजकमल प्रकाशन प्रा. लि., 1-बी, नेताजी सुभाष मार्ग, नई दिल्‍ली-110002 द्वारा प्रकाशित।

  • ‘ऐन्द्रिकता और मुक्‍तिबोध’ -प्रकाशक: भारतीय ज्ञानपीठ, 18, इंस्‍टीट्यूशनल एरिया, लोदी रोड, नई दिल्‍ली-110003 -पहला संस्‍करण: 2018 

  • तुलसीदास की काव्य-शक्तिः संदर्भः रामचरितमानस -प्रकाशक: नयी किताब प्रकाशन, 1/11829, ग्राउंड फ़्लोर, पंचशील गार्डन, नवीन शाहदरा, दिल्ली-110032 -पहला संस्‍करण: 2022

  • सन् 1984 से अब तक समय-समय पर नवभारत टाइम्‍स, दैनिक हिन्‍दुस्‍तान, जनसत्‍ता, सारिका, दिनमान, इंडिया टुडे, समाज कल्‍याण, व्‍यंग्‍य यात्रा, इन्‍द्रप्रस्‍थ भारती, लमही, कादम्बिनी, अनभै साँचा, पाखी आदि पत्र-पत्रिकाओं में 60 से ज़्यादा किताबों की समीक्षाएँ और आलेख प्रकाशित।

प्रसारण : आकाशवाणी एवं दूरदर्शन द्वारा अनेक बार कविताएँ प्रसारित। राष्‍ट्रीय महत्‍व के अनेक कवि-सम्‍मेलनों में काव्‍य–पाठ।

पुरस्कार:

  • ‘पत्‍थरों का क्‍या है’ (कविता संकलन) को हिन्‍दी अकादमी, दिल्‍ली द्वारा सन् 2004-05 का साहित्यिक कृति सम्‍मान

  • दिल्‍ली की सांस्‍कृतिक संस्‍था ‘परम्‍परा’ द्वारा सन् 2014 के लिए ‘ऋतुराज सम्‍मान’। 

शोध निर्देशन: छह शोधार्थियों को दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा पीएच.डी. की उपाधी प्राप्त। एक शोधार्थी शोधरत

संप्रति : हिन्‍दी विभाग, कॉलेज ऑफ़ वोकेशनल स्‍टडीज़, दिल्‍ली विश्‍वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफ़ेसर।