डॉ. सुरेश कान्त

डॉ.  सुरेश कान्त

डॉ. सुरेश कान्त

जन्म : १६ जून, १९५६ को उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के करौदा-हाथी ग्राम में हुआ। 
शिक्षा :

  • दिल्ली विश्वविद्यालय से प्रथम श्रेणी में बी.ए. ऑनर्स (हिन्दी) और एम.ए. (हिन्दी) किया।

  • राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर डिप्लोमा किया। 

  • राजस्थान विश्वविद्यालय से ही 'हिन्दी गद्य-लेखन में व्यंग्य और विचार' विषय पर पी.एच. डी. की। 'प्राचीन भारत में बैंकिंग का स्वरूप और शब्दावली' विषय पर शोध कर डी. लिट्. की उपाधि प्राप्त की।

सेवा :    

  • सुरेश कांत भारतीय रिज़र्व बैंक, मुंबई में 20 वर्षों तक सहायक महाप्रबंधक (राजभाषा) रहे।

  • भारतीय स्टेट बैंक, मुंबई में 10 वर्षों तक उप-महाप्रबंधक (राजभाषा) रहे। 

संपादन : भारत की अग्रणी कैरिअर-पत्रिका ‘कंपीटिशन सक्सेस रिव्यू’, दिल्ली में 3 वर्ष तक संपादक (हिंदी)

लेखन : 

  • धर्मयुग, साप्ताहिक हिंदुस्तान, सारिका, रविवार, दिनमान, हिंदी एक्सप्रेस, पराग, मेला आदि प्रसिद्ध पत्रिकाओं में उनके प्रकाशन-काल में नियमित लेखन।

  • हिंदी के पहले बिजनेस-डेली ‘अमर उजाला कारोबार’ में वर्षों तक प्रबंधन-कॉलम ‘प्रबंधकनामा’ और व्यंग्य-कॉलम ‘अर्थसत्य’ तथा राज एक्सप्रेस में व्यंग्य-कॉलम ‘खरी-खरी’ का लेखन।

  • वर्तमान में कादंबिनी, कथाबिंब, वागर्थ, समकालीन साहित्य, इंडिया टुडे, आउटलुक, शुक्रवार, नवभारत टाइम्स, अमर उजाला, हिंदुस्तान, दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण आदि में लेखन।

  • साहित्यिक पत्रिकाओं के अलावा रिज़र्व बैंक के व्यावसायिक जर्नल ‘बैंकिंग चिंतन-अनुचिंतन’, इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (आईबीए) के मासिक जर्नल ‘द इंडियन बैंकर’, आईसीएफएआई की मासिक पत्रिका ‘प्रोफेशनल बैंकर’ और व्यावसायिक दैनिक ‘बिजनेस लाइन’ में बैंकिंग, वित्त और प्रबंधन जैसे तकनीकी विषयों पर लेखन। हिंदी में इन विषयों के एकमात्र नियमित मौलिक लेखक।

प्रकाशन : 

  • विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में अब तक 500 से अधिक रचनाओं के प्रकाशन के अलावा हिंदी के अग्रणी पुस्तक-प्रकाशकों द्वारा 50 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित, जिनमें से प्रमुख हैं :

उपन्यास :

  • धम्मं शरणम् (पुरस्कृत)

  • युद्ध, जीनियस

  • नवाब साहब

  • कनीज़

कहानी संकलन :

  • उत्तराधिकारी, गिद्ध (पुरस्कृत)

  • मुआयना

  • क्या आप एसपी दीक्षित को जानते हैं

नाटक :

  • रज़िया प्रतिशोध (पुरस्कृत)

  • विदेशी आया

  • कौन

  • गवाही

व्यंग्य :

  • ‘ब’ से बैंक (पुरस्कृत)

  • अफसर गए बिदेस (पुरस्कृत)

  • पड़ोसियों का दर्द

  • बलिहारी गुरु (पुरस्कृत)

  • अर्थसत्य

निबंध :

  • वसुधैव अंकलम्

  • सो तो है

बाल-साहित्य :

  • कुट्टी

  • रोटी कौन खाएगा

  • चलो चाँद पर घूमें

  • भाषण बाबू

  • भैंस का अंडा

  • विश्वप्रसिद्ध बाल-कहानियाँ (5 भाग)

प्रबंधन :

  • प्रबंधन के गुरुमंत्र

  • कुशल प्रबंधन के सूत्र

  • सफल प्रबंधन के गुर

  • उत्कृष्ट प्रबंधन के रूप

  • आदर्श प्रबंधन के सूक्त

  • प्रबंधन-गुरु के मंत्र

शब्दार्थ-विज्ञान :

  • शब्द-पुराण

  •  बनजारे-बहुरूपिये शब्द

शब्दकोष :

  • इनसाइक्लोपीडिक डिक्शनरी ऑफ़ बैंकिंग एंड फायनेंशल टर्म्स

  • इनसाइक्लोपीडिक डिक्शनरी ऑफ़ मैनेजमेंट एंड बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन।

व्याख्यान :  चर्चित वक्ता। विभिन्न बैंकों, कार्यालयों, प्रशिक्षण-संस्थानों, विश्वविद्यालयों आदि द्वारा आयोजित सम्मेलनों, संगोष्ठियों, कार्यशालाओं आदि में हिंदी भाषा और साहित्य, राजभाषा, बैंकिंग, वित्त और प्रबंधन पर सैकड़ों व्याख्यान।
पुरस्कार, सम्मान आदि :

  • साहित्य कला परिषद्, दिल्ली;

  • हिंदी अकादमी, दिल्ली;

  • उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान, लखनऊ;

  • गृह मंत्रालय, भारत सरकार;

  • वित्त मंत्रालय, भारत सरकार आदि द्वारा श्रेष्ठ लेखन के लिए पुरस्कृत;

  • इंडिया इंटरनेशनल फ्रेंडशिप सोसायटी, नई दिल्ली द्वारा अत्यंत प्रतिष्ठित भारत ज्योति अवार्ड से सम्मानित।

सदस्यता :    भारतीय रिज़र्व बैंक की ‘हिंदी शब्दावली समिति’, आईबीए की ‘हिंदी समिति’ आदि अनेक प्रसिद्ध साहित्यिक-सांस्कृतिक-भाषिक समितियों का संयोजन/सदस्यता।
संप्रति : 

  • वर्तमान में सुरेश कांत पेंगुइन रैंडम हॉउस, इंडिया के संपादन- सलाहकार हैं और स्वतंत्र लेखन में रत हैं।

  • सेवानिवृत्ति के बाद कांत प्रसिद्ध प्रतियोगी-पत्रिका ‘कंपीटिशन सक्सेस रिव्यू’ (नई दिल्ली) के हिन्दी संस्करण के संपादक रहे।

  • भारत के सबसे पुराने और बड़े प्रकाशन-संस्थान हिन्द पॉकेट बुक्स प्रा.लि., नई दिल्ली /नोएडा (जिसका बाद में पेंगुइन प्रकाशन में विलय हो गया) में प्रबंध संपादक रहे।