ये कहाँ आ गए हम...।

13-01-2016

ये कहाँ आ गए हम...।

रचना गौड़ 'भारती'

एक संस्थानिक क्विज़ में पूछे गए सवाल- "भारत की विशेषताएँ क्या-क्या हैं?"

बच्चों ने उसकी संस्कृति सभ्यता और रहन-सहन की सम्पूर्ण बातों का ज़िक्र कर डाला। अगला प्रश्न- "भारत विकसित और विकासशील में क्या कहलाएगा?"

एक लड़के ने जवाब दिया- "विकसित।"

हमने पूछा- "कैसे कह सकते हो?"

"मैडम, जो देश अमेरिका, ब्रिटेन व जापान से आगे है वह विकसित ही तो होगा।"

"ऐसे नहीं सिद्ध करो।"

"भारत सरोगेसी में अव्वल है, 4450 लाख अमरीकी डॉलर का तो वार्षिक कारोबार ही होता है। भारत में, विदेशों की तुलना में किराए की कोख आसानी से मिल रही है। 24 अरब रुपए के करीब है सरोगेसी का ‘बाज़ार’ भारत में।"

उसका इतना कहना था कि मुझे अचानक चश्मे से धुँधला दिखता प्रतीत होने लगा। भारतीय संस्कृति व सभ्यता पर लगे धब्बे शायद मेरे चश्मे के लैंस पर छा गए थे।

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