सरदी के दिन
डॉ. प्रमोद सोनवानी 'पुष्प'सुबह-सवेरे हवा चल रही,
कैसे करें पढ़ाई।
तनिक बताओ हमको दादा,
सरदी क्यों है आई॥1॥
शाल-दुशाले हम खरीदेंगे,
पर है कितनी महँगाई।
आ गये है सरदी के दिन,
कैसे करें पढ़ाई॥2॥
सरदी के दिन सचमुच लगते,
सबको है दुखदाई।
सुबह-सवेरे हम तो दादा,
कैसे करें पढ़ाई॥3॥