रमेशराज
रमेशराज तेवरीकार जी का जन्म १५ मार्च सन १९५४ में गाँव-एसी, जनपद-अलीगढ़, (उत्तर प्रदेश) में हुआ। आपका पूरा नाम रमेशचन्द्र गुप्त है आपके पिताजी रामचरन गुप्त ब्रजभाषा साहित्यकार और स्वाधीनता संग्राम सेनानी थे।
सम्पादित कृतियाँ-
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तेवरीपक्ष (त्रैमासिक)
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अभी ज़ुबाँ कटी नहीं (तेवरी-संग्रह)
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कबीर ज़िन्दा है (तेवरी-संग्रह)
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इतिहास घायल है (तेवरी-संग्रह)
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एक प्रहारः लगातार (तेवरी-संग्रह)
स्वरचित कृतियाँ:
(रस से संबंधित)-
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तेवरी में रस-समस्या और समाधान
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विचार और रस (विवेचनात्मक निबंध) - विरोध-रस (शोध-प्रबंध)
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काव्य की आत्मा और आत्मीयकरण (शोध-प्रबंध)
तेवर-शतक-(लम्बी तेवरियाँ)-
1.दे लंका में आग, 2.जै कन्हैयालाल की, 3.घड़ा पाप का भर रहा, 4.मन के घाव नये नये, 5.धन का मद गदगद करे, 6.ककड़ी के चोरों को फाँसी, 7. मेरा हाल सोडियम-सा है, 8.रावण-कुल के लोग, 9.अन्तर आह अनंत अति,10.पूछ न कबिरा जग का हाल
चर्चित तेवरी संग्रह
शतक-
1.ऊघौ कहियो जाय (तेवरी-संग्रह), 2.मधु-सा ला (शतक), जो 3.गोपी मधु बन गयीं (दोहा-शतक), 4.देअर इज एन ऑलपिन (दोहा-शतक), 5.नदिया पार हिंडोलना (दोहा-शतक), 6.पुजता अब छल (हाइकु-शतक)
मुक्तछंद कविता-संग्रह-
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दीदी तुम नदी हो
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वह यानी मोहन स्वरूप
बाल-कविताएँ - 1.राष्ट्रीय बाल कविताएँ
पुरस्कार और सम्मान-
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‘साहित्यश्री’,अलीगढ़
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‘उ.प्र. गौरव’, अलीगढ़
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‘तेवरी-तापस’, होशंगाबाद (म.प्र.)
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‘शिखरश्री’,अलीगढ़
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अभिनंदन-सुर साहित्य संगम, एटा
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'परिवर्तन तेवरी-रत्न', बुलंदशहर