डॉ. रजनीकान्त शाह

डॉ.  रजनीकान्त शाह

डॉ. रजनीकान्त शाह

डॉ. रजनीकान्त शांतिलाल शाह
जन्म : १७ जुलाई, १९४८, केशलु (तहसील: आमोद, ज़िला: भरूच, गुजरात, भारत)
शिक्षा : पीएच. डी. गुजरात यूनिवर्सिटी, अहमदाबाद, (१९८३), विषय: सातवें दशक के हिन्दी उपन्यासों में समाजोन्मुख जीवनदृष्टि
कार्यक्षेत्र : अध्यापन
संपादन :

  • कॉलेज के भीतपत्र "अंकुर"

  • कॉलेज की वार्षिक पत्रिका "दीप",

  • मेरे समाज के वार्षिक पत्र "ज्ञानज्योति, ज्ञाति की डाइरेक्टरी,

  • नगर के खादी ग्रामोद्योग मण्डल की वार्षिक पत्रिका "खादी" का कई वर्षों तक संपादक

प्रकाशन :

  • शोधग्रंथ: सातवें दशक के हिन्दी उपन्यासों में समाजोन्मुख जीवनदृष्टि (यह ग्रंथ यूजीसी के प्रकाशन अनुदान से प्रकाशित हुआ है)

  • व्यावहारिक हिन्दी प्रकाशित पुस्तक रचनालय

  • मेरे विद्या गुरु स्वर्गीय धीरुभाई मोदी की चालीस गुजराती कविताओं का काव्यनुवाद हिन्दी में प्रकाशित

  • स्वलिखित कविताएँ, शोधपत्र, गद्यानुवाद, पद्यानुवाद, विविध पत्र-पत्रिकाओं जैसे नूतन भाषा सेतु, राष्ट्रवीणा, संकल्य, अनुव्रत, कश्फ़, वितस्ता, नवयुग निर्माता, विजयानन्द, उत्पल तथा साहित्य संसार आदि अनेक पत्र-पत्रिकाओं में निरंतर प्रकाशन

अनुवाद : मेरी विशेष रुचि अनुवाद कर्म में रही है। मैंने गुजराती के अनिक कवियों जैसे स्वर्गीय उमाशंकर जोशी, सुंदरम, जयंत पाठक, धीरुभाई मोदी आदि की पसंदीदा कविताओं , गुजराती कहानी खोफ (मीनल दवे) का तथा हिन्दी के कथाकार मोहन राकेश की कहानी "मलबे का मालिक", आर्द्रा, वारिस तथा उर्दू कहानीकार इस्मत चुगताई की दो-तीन दो हाथ आदि कहानियों का गुजराती में अनुवाद किया है और वह गुजराती पत्रिका "तादर्थ्य" में प्रकाशित हुई हैं।
गुजरात के चिंतन पुरुष पद्मश्री डॉ. गुणवंत शाह, प्रसिद्ध पत्रकार श्री कांति भट्ट, प्रसिद्ध रामकथाकार पूज्य मोरारी बापू, डॉ. कुमारपाल देसाई तथा अनेक जैन संतों के साहित्य का दोनों भाषाओं में अनुवाद।
इन दिनों जैन संत आचार्य विजयवल्लभसुरीजी, पन्यास चन्द्रशेखर विजयजी, गणीवरराजेंद्रविजयजी आदि के साहित्य का अनुवाद दोनों ही भाषाओं में कर रहा हूँ।
१. पूज्य पन्यास चन्द्रशेखर विजय जी के जीवन पर आधारित ग्रंथ "गुरुमा" का हिन्दी में अनुवाद शीघ्र प्रकाश्य। उनकी अन्य पुस्तक "टचुकड़ी कथाओ भाग-१" का हिन्दी अनुवाद पूर्ण
२. जैन संत आचार्य विजयवल्लभसुरीजी के जीवन पर आधारित के ग्रंथ का हिन्दी अनुवाद पूर्ण
सेमीनार, कार्यशालाओं में भागीदारी : 

  • कॉलेज में अध्यापन के उपरांत गुजरात यूनिवर्सिटी के हिन्दी विषय के नए अभ्यासक्रम को केंद्र में रखकर गुजरात के विश्वविद्यालय तथा कॉलेज के अध्यापकों के लिए कार्यशाला, 

  • नाटक एवं अभिनय पर विद्यार्थियों तथा अध्यापकों के लिए दो कार्यशालाएँ

  • अनुवाद की कार्यशाला इत्यादि कार्यक्रम संयोजक तथा कार्यक्रम संचालक के रूप में यू.जी.सी के अनुदान से आयोजित किए हैं।

  • गुजरात यूनिवर्सिटी ग्राम्य कॉलेज आचार्य एसोसिएशन का अधिवेशन किया है। कॉलेज के यूजीसी प्रेरित "नेक" के मूल्यांकन कार्य में संयोजक एक रूप में कार्यरत रहा।

संप्रति : स्वतंत्र लेखन और अनुवाद कार्य में व्यस्त
सदस्य : गुजरात राज्य हिन्दी साहित्य अकादमी तथा हिन्दी साहित्य परिषद, अहमदाबाद के सक्रिय सदस्य